Tur, Urad Dal Stock: सरकार ने स्टॉक घोषणा से बचने के लिए मिलरों और व्यापारियों द्वारा अपने गोदामों में अरहर (Tur) और उड़द (Urad) दाल के स्टॉक की बड़े पैमाने पर जमाखोरी का पता लगाया है. जमीनी हकीकत का जायजा लेने के लिए कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा गठित एक टीम द्वारा तलाशी अभियान चलाए जाने के बाद जमीनी स्तर पर बातचीत के दौरान पता चला कि ई-पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और स्टॉक डिस्क्लोजर की संख्या बढ़ रही है, बाजार के खिलाड़ियों की पर्याप्त संख्या या तो रजिस्टर्ड नहीं है या नियमित आधार पर अपने स्टॉक की स्थिति को अपडेट करने में विफल रही है.

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आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि यह पता चला कि लेन-देन के तहत स्टॉक, जैसे किसानों के स्टॉक नीलामी के लिए मंडी में पड़े हैं, बंदरगाहों पर सीमा शुल्क निकासी की प्रतीक्षा कर रहे स्टॉक आदि मौजूदा निगरानी तंत्र से बच गए हैं.

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उपभोक्ता मामलों के विभाग (Department of Consumer Affairs) के वरिष्ठ अधिकारियों ने पिछले कुछ दिनों के दौरान चार राज्यों में 10 स्थानों का दौरा किया और अरहर और उड़द के स्टॉक डिस्क्लोजर की स्थिति का निरीक्षण किया. बाद में केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने इन अधिकारियों के साथ एक आंतरिक बैठक की और बाजार के विभिन्न खिलाड़ियों से बातचीत की.

अरहर, उड़द दाल के स्टॉक पर नजर रखेगा केंद्र

केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा कि वह अरहर और उड़द दाल के घरेलू भंडार की निगरानी जारी रखेगा. साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाया जाएगा कि व्यापारी अपने भंडार का सही तरीके से खुलासा करें. पिछले हफ्ते, 15 अप्रैल को इंदौर में ऑल इंडिया दाल मिल्स एसोसिएशन के साथ एक बैठक हुई. इसके अलावा, विभाग ने 12 वरिष्ठ अधिकारियों को कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में विभिन्न स्थानों पर जाकर जमीनी हकीकत का जायजा लेने के लिए प्रतिनियुक्त किया. 

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इसके अलावा, विभाग को यह भी पता चला कि मिलरों और व्यापारियों/डीलरों ने जानबूझकर स्टॉक घोषणा से बचने के लिए किसानों के नाम पर गोदामों में अपना स्टॉक रखने का सहारा लिया है. विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने इंदौर, चेन्नई, सलेम, मुंबई, अकोला, लातूर, शोलापुर, जबलपुर और कटनी जैसे विभिन्न स्थानों का दौरा किया और राज्य सरकारों, मिलरों, व्यापारियों, आयातकों और बंदरगाह प्राधिकरणों के अधिकारियों के साथ बातचीत की और बैठकें की.

अघोषित स्टॉक कर लिए जाएंगे जब्त

बयान में कहा गया है कि कारोबारियों को स्टॉक घोषणा के महत्व के बारे में जागरूक किया गया और उन्हें अपने भंडार के बारे में सच्चाई के साथ और नियमित रूप से जानकारी देने को कहा गया. साथ ही, उन्हें सावधान किया गया कि ऐसा नहीं करने पर राज्यों द्वारा ऐसे अघोषित स्टॉक को जब्त करने जैसी कड़ी कार्रवाई की जा सकती है. विभाग उन आयातकों पर जरूरी कार्रवाई करने के लिए सीमा शुल्क विभाग के संपर्क में है, जिन्होंने जानबूझकर अपनी खेप की निकासी में देरी की है.

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