भारत निर्वाचन आयोग ने चुनावी बॉण्ड को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलो से विवरण भेजने का अनुरोध किया था जिस पर जो जवाब आये हैं, वे काफी रोचक हैं. एक दल ने बताया कि उनका अध्यक्ष ही हर तीन माह बाद स्वयं 500 रुपये पार्टी को दान कर देता था वहीं एक दल ने तो अपनी मान्यता रद्द करने का अनुरोध कर दिया. निर्वाचन आयोग को दिए जवाब में कुछ दलों ने चुनावी बॉण्ड के माध्यम से कोई दान नहीं मिलने की बात कही जबकि अन्य ने मांगी गई जानकारी प्रदान करने में असमर्थता जाहिर की.

किन पार्टियों की ओर से आई प्रतिक्रिया?

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महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी ने एक नयी पार्टी के रूप में अपनी स्थिति का हवाला दिया और दावा किया कि उसे चुनावों में कोई वोट नहीं मिला है और इसलिए उसके पास देने के लिए कोई विवरण नहीं है. इसी प्रकार सर्वजन लोक शक्ति पार्टी ने एक हस्तलिखित जवाब प्रस्तुत किया जिसमें कहा गया कि उसे अभी तक कोई दान नहीं मिला है. ‘भारत का किसान मजदूर पार्टी’ ने उसे पहचान नही मिल पाने पर निराशा व्यक्त की. पार्टी ने उद्योगपतियों या पूंजीपतियों से कोई समर्थन नहीं मिलने का दावा किया और कहा कि इसलिए उसे कोई चुनावी बॉण्ड नहीं मिला.

"नेतृत्व की सेहत खराब है"

तमिलनाडु की तमिलर देसिया मुन्नानी ने दी गयी समय सीमा के भीतर चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब देने में असमर्थता के लिए अपने नेतृत्व के खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया. इसमें यह भी उल्लेख किया गया कि उसे 30 सितंबर, 2023 तक चुनावी बॉण्ड के माध्यम से कोई दान नहीं मिला है. मक्कल नाला कषगम ने कहा कि उसके अध्यक्ष व्यक्तिगत रूप से हर तीन महीने में पार्टी के खाते में पैसा जमा करते हैं. पार्टी ने कहा, ‘‘पार्टी अध्यक्ष एस सत्यमूर्ति संबंधित बैंक में पार्टी खाते में तीन महीने में एक बार अपने 500 रुपये जमा करा रहे हैं.’’ 

एक पार्टी ने कर दिया मान्यता रद्द करने का अनुरोध

कन्नड़ नाडु पार्टी ने खुद को विघटित करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया है. उसने निर्वाचन आयोग को एक पत्र सौंपकर पार्टी की मान्यता रद्द करने का अनुरोध किया है. कन्नड़ नाडु पार्टी ने अपने जवाब में कहा, ‘‘...संबंधित बैठकों में पारित प्रस्तावों को आपके कार्यालयों में भेज दिया गया था और हम एक राजनीतिक दल के रूप में मान्यता रद्द करने की आपकी मंजूरी की प्रतीक्षा कर रहे हैं.’’ 

जन शक्ति दल, नीति निजयथी पार्टी और गुंज सत्य नी जनता पार्टी जैसे दलों ने दावा किया है कि उन्हें अब तक कोई दान नहीं मिला है. आसरा लोकमंच पार्टी, भारतीय सार्थक पार्टी और राष्ट्रीय भ्रष्टाचार मुक्ति पार्टी सहित कई दलों ने कहा कि उन्हें कोई दान नहीं मिला है. साथ ही इन दलों ने दावा किया कि वे चुनावी बॉण्ड प्राप्त करने के लिए तय अर्हता के अंतर्गत नहीं आते हैं. बहुजन राज्यम पार्टी ने स्पष्ट किया कि उसे कोई चुनावी बॉण्ड नहीं मिला है. साथ ही पार्टी ने पात्रता मानदंड को रेखांकित किया जिसके तहत पिछले चुनावों में कम से कम एक प्रतिशत वोट हासिल करने वाले दल ही चुनावी बॉण्ड के जरिये चंदा लेने की अर्हता रखते हैं.