Bihar Gaya Seat NDA: 'मोक्ष की धरती' बिहार के गया संसदीय क्षेत्र में पिछले पांच चुनावों से किसी न किसी दल के 'मांझी' ही पार उतरते रहे हैं. इस चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चे (हम) की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी इस सीट से ताल ठोकेंगे. छह विधानसभा वाले इस लोकसभा क्षेत्र से राजद ने भी अपना सिंबल बिहार के मंत्री रहे कुमार सर्वजीत को दिया है, हालांकि इसकी औपचारिक घोषणा नहीं हुई है.

Bihar Gaya Seat NDA: गया में प्रथम चरण में होगा मतदान, दोनों गठबंधन ने नहीं भरा नामंकन पत्र

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गया में प्रथम चरण में मतदान होना है. अभी तक दोनों गठबंधनों के प्रत्याशियों द्वारा नामांकन पत्र नहीं भरा गया है, लेकिन तय मना जा रहा है कि यहां मुख्य मुकाबला दोनो गठबंधनों के बीच ही होगा. इस बार पिछले चुनाव के मुकाबले परिदृश्य बदला है। उस चुनाव में जीतन राम मांझी एनडीए में नहीं थे. एनडीए के प्रत्याशी जदयू के नेता विजय मांझी ने जीतन राम मांझी को हराया था। उस चुनाव में जदयू को 48 फीसदी से अधिक मत मिले थे जबकि हम को करीब 33 प्रतिशत मत हासिल हुआ था.

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शेरघाटी, बोधगया, बाराचट्टी, गया, बेलागंज और वजीरगंज विधानसभा वाले गया लोकसभा के जातीय समीकरणों को देखे तो यहां मांझी मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है. यही कारण है कि पिछले करीब ढाई दशकों से इस क्षेत्र का लोकसभा में प्रतिनिधित्व मांझी ही कर रहे हैं. वर्ष 2009 और 2014 के चुनाव में भाजपा के हरि मांझी ने विजय का परचम लहराया था. उससे पहले 2004 में इस क्षेत्र से राजद के राजेश कुमार मांझी और 1999 में भाजपा के रामजी मांझी इस सीट से लोकसभा पहुंचे थे.

आपको बता दें कि एनडीए की सीट समझौता के तहत भारतीय जनता पार्टी के खाते में 17 सीटें, जेडीयू के खाते में 16 सीटें और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के खाते में पांच सीटें आई है. वहीं, जीतन राम मांझी की पार्टी को एक और उपेंद्र कुशुवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (RLSP) के खाते में एक सीट आई है. हालांकि, एनडीए ने बिहार की 40 सीटों के लिए अपने प्रत्याशियों का ऐलान नहीं किया है.