केंद्र सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में टेलीकम्युनिकेशन विधेयक, 2023 पेश कर दिया है. सरकार की ओर से टेलीकॉम बिल को टेलिकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेश किया.. इस बिल के जरिए सरकार नया टेलीकॉम कानून बनाने का प्रस्ताव दे रही है, जो 1885 के टेलीग्राफ एक्ट की जगह लेगा. इस बिल को कैबिनेट की ओर से मंजूरी मिल चुकी है, जिसके बाद इसे लोकसभा में पेश किया जा रहा है. मंत्रिमंडल ने अगस्त में इस विधेयक को मंजूरी दी थी.

कब होगा पेश?

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पहले जानकारी आ रही थी कि ये बिल आज ही पेश होगा, लेकिन ताजे अपडेट के मुताबिक जानकारी मिली है कि टेलीकॉम बिल आज लिस्ट नहीं है, लेकिन इसी हफ्ते संसद में लाया जाएगा. सांसदों को इसकी कॉपी दी जाएगी, राष्ट्रपति को इसकी जानकारी दी गई है.

क्या होगा नए टेलीकॉम बिल में?

इस बिल से टेलिकॉम कंपनियों के लिए कई अहम नियम सरल होंगे. इस बिल के जरिए सैटेलाइट सेवाओं के लिए नए नियम लाए जा रहे हैं. साथ ही सरकार टेलीकॉम रेगुलेटरी TRAI (Telecom Regulatory Authority of India) के अधिकार क्षेत्र में थोड़ा फेरबदल भी करने वाली है. इस बिल में ऐसे प्रावधान किए जाने का अनुमान है, जिससे ग्राहक सेवाओं के लिए कंपनियों पर नजर और जिम्मेदारी दोनों बढ़ेगी. इससे इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही ग्लोबल कंपीटीशन को ध्यान में रखते हुए नए बेंचमार्क तय होंगे.

टेलीकॉम बिल के ड्राफ्ट में क्या थे प्रस्ताव?

इस साल जारी दूरसंचार विधेयक (telecom bill) के ड्राफ्ट में यूजर्स की सुरक्षा बढ़ाने के लिए ‘ओवर-द-टॉप’ या इंटरनेट आधारित कॉलिंग और मैसेजिंग ऐप को दूरसंचार की परिभाषा के तहत लाने का प्रस्ताव दिया गया था. विधेयक में भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) की शक्ति को नियंत्रित करने का भी प्रस्ताव किया गया था, जिस पर विभिन्न पक्षों ने चिंता जताई थी. सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, ‘ओवर-द-टॉप’ कंपनियों और ट्राई से जुड़े मुद्दों को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने से पहले ही सुलझा लिया गया था. मसौदे में किसी कंपनी की ओर से अपना परमिट सरेंडर करने की स्थिति में लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन फीस वापस करने जैसे कुछ नियमों को आसान बनाने का प्रस्ताव किया गया था. नए विधेयक में सरकार को उपभोक्ताओं के हित में प्रवेश शुल्क, लाइसेंस शुल्क, जुर्माना माफ करने, बाजार में प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने, दूरसंचार नेटवर्क की उपलब्धता या निरंतरता और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने की शक्ति प्रदान करने का प्रस्ताव है.