PM Narendra Modi at UNSC Meet: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) आज एक नया इतिहास रचेंगे. वह यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल (UNSC) की बैठक की अध्यक्षता करेंगे. ऐसा करने वाले वे भारत के पहले प्रधानमंत्री होंगे. PMO के मुताबिक, मोदी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की समुद्री सुरक्षा पर एक ओपन डिबेट की Video Conferencing के जरिए अध्यक्षता करेंगे. इस परिचर्चा का विषय ‘समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा: अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता’ है.

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PTI के मुताबिक, डिबेट में संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी और प्रमुख क्षेत्रीय संगठनों के भी शामिल होने की भी संभावना है. समुद्री अपराध और असुरक्षा का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने और समुद्री क्षेत्र में समन्वय को मजबूत करने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. दरअसल, UNSC की तरफ से समुद्री सुरक्षा और समुद्री अपराध के मुद्दों पर कई बार चर्चा की गई है और कई प्रस्ताव पारित किए गए हैं.

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पहली बार समुद्री सुरक्षा पर होगी खुली बहस

PMO का कहना है कि समुद्री सुरक्षा एक गंभीर मसला है, इसलिए UNSC में इस पर व्‍यापक चर्चा महत्वपूर्ण है. इस पर एक व्यापक नजरिया होना चाहिए, ताकि वैध समुद्री गतिविधियों की रक्षा हो सके. भारत दो साल के लिए सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है और यह इस साल अगस्त महीने के लिए UNSC की अध्यक्षता कर रहा है. यह एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है और साथ ही ऐसा पहली बार होगा जब समुद्री सुरक्षा जैसे गंभीर मसले पर उच्च स्तरीय और खुली बहस होगी.

भारत कैसे बना है सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष?

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता हर महीने बदलती रहती है. अंग्रेजी शब्दों के क्रोनोलॉजिकल ऑर्डर के हिसाब से हर महीने नए सदस्य देश को अध्यक्षता मिलती है. भारत से पहले जुलाई में सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता फ्रांस के पास थी. सितंबर में आयरलैंड को यह जिम्मेदारी मिलेगी. अपने 2 साल के कार्यकाल में भारत 2 बार सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष बनेगा.

रूस के राष्ट्रपति पुतिन भी बैठक में होंगे शामिल

समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक इस बैठक में रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन भी शामिल होंगे. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यह बैठक शाम साढ़े पांच बजे होगी. मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि सिंधु घाटी सभ्यता के समय से ही महासागरों ने भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और भारत समुद्र को साझा शांति और समृद्धि के प्रवर्तक के रूप में देखता है.