प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज ओखा मुख्य भूमि और बेट द्वारका द्वीप को जोड़ने वाले सुदर्शन सेतु का उद्घाटन किया. लगभग 2.32 किलोमीटर लंबा यह सेतु का देश का सबसे लंबा केबल-आधारित सेतु है. इसे लगभग 980 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है.  द्वारका एवं बेट-द्वारका के बीच यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा में  लगने वाले के समय में काफी कमी लाएगा. साथ ही  यह प्रतिष्ठित सेतु देवभूमि द्वारका आने वाले पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण भी होगा.

द्वारका से 30 किलोमीटर दूर है बेयट द्वारका, लक्षद्वीप को भी मिलेगा फायदा  

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बेयट द्वारका ओखा बंदरगाह के पास एक द्वीप है, जो द्वारका शहर से लगभग 30 किलोमीटर दूर है जहां भगवान श्रीकृष्ण का प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर है. अधिकारियों ने बताया कि सेतु के निर्माण से पूर्व तीर्थयात्रियों को बेयट द्वारका तक पहुंचने के लिए नौका परिवहन पर निर्भर रहना पड़ता था और इस पुल के निर्माण से वे कभी भी यात्रा कर सकेंगे. सुदर्शन सेतु का फायदा लक्षद्वीप को लोगो को भी मिलेगा. ये द्वारका और लक्षद्वीप की दूरी को कम कर यात्रा के समय को बचाएगा.   

इस कंपनी ने किया है निर्माण, 2.50 मीट चौड़े पैदलपथ 

सुदर्शन पुल का निर्माण एसपी सिंघला कंस्ट्रक्शन्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने किया है. इसके अलावा पुल को नेशनल हाइवे ड‍िविजन ने गुजरात रोड एंड ब‍िल्‍ड‍िंग ड‍िपार्टमेंट के साथ मिलकर बनवाया है. एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, 2.32 किलोमीटर लंबे इस पुल का निर्माण 979 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है, जिसके बीच में 900 मीटर लंबा केबल आधारित हिस्सा है और पुल तक पहुंचने के लिए 2.45 किलोमीटर लंबा सड़क मार्ग है. चार लेन वाले 27.20 मीटर चौड़े पुल के दोनों तरफ 2.50 मीटर चौड़े पैदलपथ हैं.

प्रधानमंत्री ने X पर पोस्ट किया, “ओखा मुख्य भूमि और बेट द्वारका द्वीप को जोड़ने वाला सुदर्शन सेतु लगभग 980 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। लगभग 2.32 किलोमीटर लंबा यह सेतु का देश का सबसे लंबा केबल-आधारित सेतु है. “अदभुत सुदर्शन सेतु!”