मोदी सरकार डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए इंडियन करेंसी में कारोबार को बढ़ावा दे रही है. सरकार की कोशिश है कि इंडियन करेंसी की स्वीकृति बढ़े. ऐसे में पिछले कुछ समय में भारत सरकार ने कई देशों के साथ इस बारे में बात करके और समझौता कर भारतीय रुपए में कारोबार आरंभ करने की पहल भी की है. वर्तमान में करीब 18 देशों के साथ इस बारे काम शुरू हो चुका है.  वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि घरेलू मुद्रा में अंतरराष्ट्रीय व्यापार करने से उद्योग को लेनदेन लागत कम करने में मदद मिलेगी और कई देश इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank) से बात कर रहे हैं.

पिछले साल पहल की हुई थी शुरुआत

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आरबीआई और वित्त मंत्रालय ने पिछले साल बैंकों और उद्योग मंडलों के शीर्ष प्रबंधन से आयात और निर्यात का लेनदेन रुपए में करने के लिए कहा था. डॉलर की जगह भारतीय मुद्रा में सीमापार व्यापार शुरू करने के लिए जरूरी रुपया वोस्ट्रो खाता खोलने को लेकर वे भारतीय बैंकों को विदेशों में उनके समकक्ष बैंकों से जोड़ना चाहते हैं.

कंवर्जन कॉस्ट से लागत बढ़ जाती है

गोयल ने कहा कि आज कई देश यह समझ रहे हैं कि व्यापार के लिए मुद्रा में बदलाव की जरूरत है और इसमें रूपांतरण लागत शामिल होती है, जिससे लेनदेन लागत भी बढ़ जाती है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “हम इन समस्याओं का समाधान रुपए में व्यापार व्यवस्था से कर सकते हैं.”

HDFC Bank, UCO बैंक जैसे कई बैंकों ने सुविधाएं शुरू की

मंत्री ने कहा कि इस संबंध में कई देश आरबीआई से बातचीत कर रहे हैं. एचडीएफसी बैंक और यूको बैंक समेत कई बैंकों ने रुपए में अंतरराष्ट्रीय व्यापार करने के लिए विशेष वोस्ट्रो खाता खोल लिया है. रुपए में अंतरराष्ट्रीय व्यापार को लेकर पिछले साल जुलाई में आरबीआई के दिशानिर्देश जारी करने के बाद रूस का सबसे बड़ा बैंक एसबेरबैंक और दूसरा सबसे बड़ा बैंक वीटीबी बैंक इसकी मंजूरी पाने वाले पहले विदेशी बैंक बन गए थे. रूस का एक और बैंक गाजप्रोम ने भी कोलकाता स्थित यूको बैंक के साथ वोस्ट्रो खाता खोल लिया है. गाजप्रोम की भारत में कोई इकाई नहीं है.