सरकार नेचुरल गैस और जेट फ्यूल (ATF) को जल्‍द ही GST के दायरे में ला सकती है. पेट्रोलियम मिनिस्‍टर धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने बताया कि इसका ऐलान आगामी बजट में हो सकता है. इससे पेट्रो उत्‍पादों की कीमतों में कमी आएगी. ग्राहकों और सेक्टर को बड़ी राहत मिलेगी. प्रधान ने कहा कि कॉरपोरेट टैक्स में कटौती से निजी निवेश में बढ़ोतरी संभव है. आने वाले सालों में निजी निवेश में बढ़ोतरी होगी. सरकारी संपत्ति की बिक्री से मिली रकम इंफ्रा पर खर्च होगी.

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आपको बता दें कि जून में राज्यसभा में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा था कि कच्‍चे पेट्रोलियम, हाई स्‍पीड डीजल, नेचुरल गैस और जेट फ्यूल को GST के दायरे में लाया जा सकता है. हालांकि, इसके लिए राज्यों की मंजूरी जरूरी है. 

वर्तमान में पेट्रोल-डीजल और अन्य पेट्रोलियम पर राज्य सरकार खुद टैक्स लगाते हैं. दरअसल, सरकार की कमाई का बड़ा हिस्सा पेट्रोलियम पदार्थों पर लगाए गए टैक्स से वसूली जाती है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर पेट्रोलियम पदार्थ GST के दायरे में आते हैं तो कीमत पर लगाम लग जाएगी.

2017 में जब GST आया था तब सरकार ने 5 पेट्रोलियम उत्‍पादों- पेट्रोल, डीजल, क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस और ATF को इसके दायरे से बाहर रखा था. इस लिस्ट में बाद में रसोई गैस, केरोसिन और नेप्था (मिट्टी का तेल) को शामिल किया गया.