इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल में जारी बिकवाली से भारत को काफी राहत मिल सकता है. इस साल फेस्टिव सीजन में फ्यूल की कीमतें घट सकती हैं. ऐसे में उम्मीद है कि पेट्रोल-डीजल के भाव 2 से 3 रुपए प्रति लीटर कम हो सकती है. क्योंकि ब्रेंट क्रूड 92 डॉलर प्रति बैरल के भी नीचे ट्रेड कर रहा है. आज दूसरे दिन की गिरावट में क्रूड करीब 5 फीसदी टूट गया है. 

क्रूड में गिरावट की वजह क्या है?

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कच्चे तेल में जारी गिरावट की वजह चीन में कोविड लॉकडाउन और ब्याज दरों में बढ़ोतरी से मंदी की आशंका है. चुंकि चीन दुनिया के सबसे बड़े क्रूड इंपोर्टर में से एक है, लेकिन लॉकडाउन से डिमांड पर असर पड़ेगा. इससे इंपोर्ट घट सकता है. इसी तरह दुनियाभर की सेंट्रल बैंकों द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी से भी खपत पर असर पड़ने की आशंका है, क्योंकि दरें बढ़ने से ग्लोबल मंदी की आशंका जताई जा रही है. 

फेस्टिव सीजन में घट सकती हैं फ्यूल कीमतें

कच्चे तेल में गिरावट से भारतीय इकोनॉमी पर पॉजिटिव असर पड़ेगा. क्योंकि कम भाव पर मिलने वाले क्रूड से पेट्रोल और डीजल की कीमतें 2 से 3 रुपए प्रति लीटर तक घट सकती है. ऐसे में बढ़ती महंगाई से भी काफी राहत मिल सकती है. उम्मीद की जा रही है कि रिटेल महंगाई दर 7 फीसदी के नीचे करीब 6.5 से 6.75 फीसदी के दायरे में आ जाएगी. इससे फेस्टिव सीजन में खुशियां दोगुनी हो सकती हैं.

क्रूड में गिरावट बाजार के लिए पॉजिटिव 

फ्यूल की कीमतें घटने से भारतीय बाजार के लिए पॉजिटिव हो सकती है. साथ ही FPI निवेश भी बढ़ सकती है. ऐसे में भारत तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी में अन्य देशों के मुकाबले बेहतर स्थिति में होगा. 

आगे भी जारी रहेगा क्रूड में गिरावट?

Mehta Equities के राहुल कलंत्री के मुताबिक कच्चे तेल में आगे भी गिरावट जारी रहेगी.  चीन में नए कोविड लॉकडाउन से क्रूड की डिमांड पर असर पड़ेगा. साथ ही मजबूत डॉलर से भी कच्चे तेल पर दबाव बने रहने की आशंका है.