केंद्र सरकार द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, नवंबर 2021 और नवंबर 2023 के बीच भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आई है, लेकिन पड़ोसी और पश्चिमी देशों में बढ़ गई है. ग्राफ बताते हैं कि नवंबर 2021 से नवंबर 2023 के बीच भारत में पेट्रोल की कीमत में 11.82 फीसदी और डीजल की कीमत में 8.94 फीसदी की गिरावट आई.

दूसरे देशों में कितना महंगा हुआ तेल?

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दूसरी ओर, पड़ोसी देश श्रीलंका में पेट्रोल की कीमत 54.32 फीसदी और पाकिस्तान में 41.24 फीसदी बढ़ गई. अमेरिका, कनाडा और यूके में भी पेट्रोल की कीमत 9.32 प्रतिशत, 7.3 प्रतिशत और 11.36 प्रतिशत अधिक है. डीजल के मामले में, श्रीलंका में कीमत 110.24 प्रतिशत बढ़ी, जबकि पाकिस्तान में यह 53.55 प्रतिशत तक बढ़ी. नवंबर 2021-नवंबर 2023 के बीच अमेरिका में डीजल की कीमत 27.59 प्रतिशत, यूके में 9.92 प्रतिशत और जर्मनी में 11.36 प्रतिशत बढ़ गई.

फ्यूल प्राइस पर नियंत्रण के लिए सरकार ने क्या किया है?

एक आधिकारिक बयान में कहा गया, “कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों की चुनौती का सामना करते हुए मोदी सरकार ने नागरिकों के हित में कदम उठाए हैं. रणनीतिक योजना और नीतिगत पहलों से, सरकार ने उपभोक्ताओं पर कम से कम प्रभाव सुनिश्चित करते हुए ईंधन की कीमतों को स्थिर रखा है.”

आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि इस साल नवंबर में कच्चे तेल के आयात की औसत कीमत 92.41 डॉलर प्रति बैरल थी जो अब दिसंबर में घटकर 86.58 डॉलर प्रति बैरल हो गई. यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी देशों के दबाव के बावजूद भारत ने रूस से अपना तेल आयात बढ़ा दिया है. सऊदी अरब को पछाड़कर रूस अब भारत को तेल का सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है. इसके अलावा, अमेरिका द्वारा लैटिन अमेरिकी देश पर प्रतिबंध हटाने के बाद, भारतीय तेल कंपनियों ने भी आपूर्ति के स्रोतों में विविधता लाने के लिए वेनेजुएला से सोर्सिंग शुरू कर दी है.