Parliament budget session 2021: घाटे में चल रहीं सरकारी टेलीकॉम कंपनियों एमटीएनएल और बीएसएनएल के रिवाइवल प्लान (MTNL-BSNL revival plan) के मसौदे को अपनी मंजूरी दे दी है. हालांकि, सरकार पहले इन दोनों कंपनियों का आपस में विलय का प्लान था, लेकिन बाद में इसे टाल दिया गया. 

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केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संसद के बजट सत्र में आज सरकारी दूरसंचार कंपनियों की स्थिति पर एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार ने इन कंपनियों को खड़ा करने के लिए रिवाइवल प्लान तैयार किया है.

सरकार ने दोनों कंपनियों में जान फूंकने के लिए रिवाइवल प्लान तैयार किया था. इस प्लान को कैबिनेट पहले ही अपनी मंजूरी दे चुका था. आज इसे संसद के बजट सत्र में पेश किया गया, जहां यह सर्वसम्मति से पास हो गया. 

रिवाइवल प्लान के तहत बीएसएनल (BSNL) और एमटीएनएल (MTNL) में कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) पहले ही चलाई जा चुकी है. सरकार का प्लान है कि इन कंपनियों की संपत्तियों का मौद्रीकरण होना चाहिए. 

 

इसके अलावा सरकार इन कंपनियों में करीब 30,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. 15,000 करोड़ रुपये का सरकारी बॉण्ड जारी किए जाएंगे और कंपनियों की संपत्ति की या तो बिक्री की जाएगी या फिर उन्हें पट्टे पर दिया जाएगा.

कर्ज में डूबीं दोनों कंपनियां

टेलीकॉम क्रांति की दुनिया में जहां तमाम प्राइवेट कंपनियों के साम्राज्य का लगातार विस्तार हो रहा है, वहीं सरकारी टेलीकॉम कंपनियां महानगर टेलीफोन टेलीफोन निगम लिमिटेड (Mahanagar Telephone Nigam Limited) और भारत संचार निगम लिमिटेड पर कर्ज का बोझ बढ़ता ही जा रहा है. बताया जा रहा है कि बीएसएनएल के ऊपर करीब 90,000 करोड़ रुपये और एमटीएनएल पर करीब 30,000 करोड़ रुपये की देनदारियां हैं.

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