Night-time economy in Delhi: राजधानी दिल्ली के रेस्टोरेंट मालिकों ने कहा है कि नाइट-टाइम इकनॉमी को समर्थन देने के लिए दिल्ली में रात में सिर्फ खान-पान की दुकानों को खोलने की परमिशन देना काफी नहीं होगा, बल्कि एक समानांतर व्यवस्था बनाने की जरूरत होगी. उन्होंने कहा कि खान-पान की दुकानों के साथ ही ऑफिस और सिनेमाघरों को भी देर रात तक खोलने की व्यवस्था की जानी चाहिए, तभी ग्राहक बाजार में आएंगे.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रेस्टोरेंट मालिकों की मांग 

रेस्टोरेंट मालिकों ने साथ ही राज्य सरकार को देर रात में सुरक्षा को सुनिश्चित करने को एक योजना तैयार करने का भी सुझाव दिया है. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने हाल ही में पेश वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में क्लाउड किचन के लिए जमीन उपलब्ध कराने, प्रमुख खाद्य केंद्रों के पुनर्विकास और राज्य में फूड-ट्रक नीति शुरू करने जैसे उपायों की घोषणा की है. सरकार की नई आबकारी नीति के तहत होटल, क्लब और रेस्तरां में 'बार' को देर रात तक खोलने की अनुमति देने की योजना है. 

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें

इस बारे में कनॉट प्लेस में एक लोकप्रिय खान-पान की दुकान में काम करने वाले करण श्रीवास्तव ने कहा कि दुकानें देर रात तक तभी खुली रहेंगी, जब 

ऑफिस और शॉपिंग मॉल को लेकर डिमांड

आईटीओ इलाके में एक स्टॉल चलाने वाले मदन तनेजा ने कहा कि दुकानों को तभी फायदा होगा जब देर रात में भी ग्राहक आएंगे. उन्होंने कहा कि, ‘‘देर रात में आमतौर पर ज्यादा ग्राहक नहीं आते, इसलिए दुकानों को ज्यादा रात तक खोलने का कोई फायदा नहीं है. अगर सरकार कार्यालयों और शॉपिंग मॉल और सिनेमा हॉल को देर रात तक खुलने की अनुमति देती है, तभी ग्राहक आएंगे.’’ 

इसके अलावा अलग-अलग तरह के व्यंजन बेचने वाले ‘मूलचंद परांठा’ रेस्टोरेंट के मालिक दीपक खट्टर ने कहा, ‘‘हम सुबह छह बजे काम शुरू कर देते है और रात 11:30 बज तक करते हैं. अगर हमें देर रात तक रेस्तरां चलाने की अनुमति मिलती है तो हमें अपने काम करने के तरीके में कुछ बदलाव करने होंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘देर रात तक काम करने के लिए हम नई शिफ्ट की व्यवस्था करनी पड़ेगी. साथ ही उचित सुरक्षा उपकरण भी रखने होंगे और यह सुनिश्चित करना होगा कि आसपास रहने वाले लोगों को कोई परेशानी न हो.