Paddy Sowing: देश में चालू खरीफ सत्र (Paddy Season) में धान की बुवाई कम क्षेत्र में हुई है और पिछले हफ्ते तक इसका रकबा 8.25 फीसदी की कमी के साथ 343.70 लाख हेक्टेयर रहा है. कृषि मंत्रालय (Agriculture Ministry) ने यह जानकारी दी.मंत्रालय ने कहा कि दालों और तिलहन की बुवाई भी कम क्षेत्र में हुई है. वहीं खरीफ की सारी फसलों की बुवाई 18 अगस्त तक 1,012.99 हेक्टेयर इलाके में हुई है जो पिछले वर्ष की तुलना में 25.52 लाख हेक्टेयर कम है. खरीफ की फसलों की बुवाई जून में दक्षिण पश्चिमी मानसून के आगमन के साथ शुरू की जाती है. धान एक प्रमुख खरीफ फसल है.

343.70 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई धान की बुवाई

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सरकार के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 18 अगस्त तक देशभर में धान की बुवाई इस खरीफ सीजन में 343.70 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई है जो पिछले वर्ष के 374.63 लाख हेक्टेयर की तुलना में कम है. बारिश कम होने की वजह से झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और कुछ अन्य राज्यों में धान की बुवाई कम हुई है.

दालों की बुवाई का भी रकबा घटा

दालों की बुवाई का रकबा भी पिछले वर्ष की तुलना में 7.08 लाख हेक्टेयर घटकर 18 अगस्त तक 125.57 लाख हेक्टेयर रहा है.

भारत की गेहूं आयात करने की कोई योजना नहीं

सरकार की गेहूं आयात करने की कोई योजना नहीं है और देश की जरूरतों को पूरा करने के लिए उसके पास पर्याप्त भंडार है. भारतीय खाद्य निगम (FCI) के पास सार्वजनिक वितरण के लिए पर्याप्त भंडार है. भारत की गेहूं आयात करने की कोई योजना नहीं है. देश में हमारी घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त भंडार है.

भारत का गेहूं उत्पादन लगभग 3% घटकर 10.684 करोड़ टन रहने का अनुमान है. हालांकि फसल वर्ष 2021-22 में कुल खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 31.572 करोड़ टन होने का अनुमान है. देश के उत्तरी राज्यों- पंजाब और हरियाणा में गेहूं की फसल पकने के समय भीषण गर्मी पड़ने से गेहूं का उत्पादन कम होने का अनुमान है. कृषि मंत्रालय की तरफ से हाल ही में जारी फसल वर्ष 2021-22 के चौथे अग्रिम अनुमान के अनुसार चावल, मक्का, चना, दलहन, तिलहन और गन्ने का उत्पादन नया रिकॉर्ड बना है