रसोई के तड़के से उठेगी स्वाद की खुशबू, प्याज के दाम कंट्रोल करने के लिए बड़ा कदम
खुदरा व्यापारी केवल दो टन तक प्याज का स्टॉक रख सकते हैं, जबकि थोक व्यापारियों को 25 टन तक रखने की अनुमति है.
आसमान छूते प्याज के दामों (Onion Price) ने रसोई का स्वाद ही खराब कर दिया है. लेकिन अब जल्द ही प्याज की कीमतें कंट्रोल में होंगी और आम आदमी तक इसकी पहुंच बनेगी. प्याज की कीमतों को कंट्रोल (Onion Rate) में रखने के लिए केंद्र सरकार ने खुदरा और थोक व्यापारियों पर 31 दिसंबर तक के लिए स्टॉक सीमा (Onion Stock Limit) लागू कर दी है. ताकि प्याज की घरेलू उपलब्धता की स्थिति में सुधार लाया जा सके और घरेलू उपभोक्ताओं को राहत मिल सके.
उपभोक्ता मामलों की सचिव लीना नंदन (Leena Nandan) ने कहा कि खुदरा व्यापारी केवल दो टन तक प्याज का स्टॉक रख सकते हैं, जबकि थोक व्यापारियों को 25 टन तक रखने की अनुमति है.
उन्होंने कहा कि सरकार को आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून लागू करना पड़ा, जिसे पिछले महीने ही संसद में पारित किया गया. यह कानून, सरकार को कीमतों में इजाफे की स्थिति में खराब होने वाली वस्तुओं को विनियमित करने की अनुमति देता है.
बाद में, उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट किया, ‘बढ़ती प्याज की कीमतों को कंट्रोल करने और जमाखोरी पर अंकुश लगाने के लिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने यह कदम उठाया है. खुदरा विक्रेताओं को दो टन और थोक विक्रेताओं को 25 टन तक स्टॉक रखने की सीमा तय की गई है.’
इससे पहले सरकार ने प्याज आयात ने नियमों में ढील देने का ऐलान किया था. इसके साथ सरकार बफर स्टॉक से भी बाजार में प्याज उपलब्ध कराने की तैयारी कर रही है. ताकि, त्योहार के मौसम में लोगों को उचित कीमत पर प्याज उपलब्ध कराई जा सके.
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सरकार ने सभी भारतीय उच्च आयोगों को यह निर्देश दिया है कि वह संबंधित देशों में व्यापारियों से इस संबंध में संपर्क करे। ताकि, देश में ज्यादा से ज्यादा प्याज आयात की जा सके. उपभोक्ता मंत्रालय ने कहा है कि प्याज के आयात के लिए नियमों में यह ढील 15 दिसंबर तक जारी रहेगी.