औद्योगिक संगठन सीआईआई के 125 साल पूरे होने के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के उद्यमियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना संकट के बीच हमें देश के लोगों के जीवन को तो बचाना ही है साथ ही साथ अर्थव्यवस्था को स्थिर भी करना है. अनलॉक-1 के लागू होने के बाद अर्थव्यवस्था पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहला बड़ा भाषण रहा. प्रधानमंत्री ने अपने इस भाषण में आत्मनिर्भर भारत पर जोर दिया. उन्होंने उद्यमियों से कहा कि वो मेक इन इंडिया पर जोर दें. उन्होंने कहा कि उद्यमी हर सेक्टर के लिए डीटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करें. उन्होंने कहा उन्हें देश के उद्यमियों, किसानों और देश की क्षमता पर पूरा भरोसा है. 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत अपनी ग्रोथ को जल्द वापस पा लेगा. उन्होंने कहा, 'वी विल गेट अवर ग्रोथ बैक'. पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना संकट के बीच 74 करोड़ लोगों के घर राशन पहुंचाया गया है. लॉकडाउन के दौरान सरकार ने गरीबों को आठ करोड़ से ज्यादा गैस सिलेंडरों को उनके घरों तक फ्री में पहुंचाया है. इसके अलावा प्राइवेट सेक्टरों के कर्मचारियों के खातों में ईपीएफ में सहायता की है. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि रोजाना अब देश में तीन लाख पीपीई किट बनाई जा रही हैं.  उन्होंने कहा कि तीन महीने के अंदर ही सैकड़ों करोड़ की इंडस्ट्री खड़ी कर दी गई है. 

 

पीएम मोदी ने कहा कि किसान अब अपनी शर्तों पर किसी भी राज्य में फसल को बेच सकता है. अब इलेक्ट्रोनिक ट्रेडिंग के जरिए से फसल को बेचा जा सकता है. इससे कई नए रास्ते खुलने जा रहे हैं. इसी तरह हमारे श्रमिकों को ध्यान में रखते हुए लेबर रिफॉर्म भी किए जा रहे हैं. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीआईआई के कार्यक्रम में कहा कि भारत को फिर से तेज विकास के पथ पर लाने के लिए, आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए पांच चीजें बहुत ज़रूरी हैं. ये पांच चीजें हैं- Intent, Inclusion, Investment, Infrastructure और Innovation. 

उन्होंने कहा कि एमएसएमई की परिभाषा स्पष्ट करने की मांग लंबे समय से उद्योग जगत कर रहा था, वो पूरी हो चुकी है. इससे एमएसएमई बिना किसी चिंता के आगे बढ़ पाएंगे और उनको स्टेट्स बनाए रखने के लिए दूसरे रास्तों पर चलने की ज़रूरत नहीं रहेगी. 

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में कोयले को काफी बड़े रिजर्व हैं इसके बावजूद हमें अगर कोयला आयात करना पड़ रहा है तो इस बारे में हमें सोचने की जरूरत है. देश के उद्यमियों को इस तरह की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए आगे आना चाहिए. उन्होंने माइनिंग और अन्य क्षेत्रों की सभावनाओं के बारे में भी विचार करने को कहा.

कैबिनेट बैठक में लिए गए थे कई फैसले 

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सरकार के दूसरे कार्यकाल के दूसरे वर्ष की पहली कैबिनेट बैठक की थी.  इस बैठक में किसानों, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम क्षेत्र (एमएसएमई) और रेहड़ी लगाकर गुजर बसर करने वाले लोगों के जीवन स्तर को सुधारने के संबंध में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. 

आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने रेहड़ी  लगाने वालों को सस्ते ब्याज पर ऋण देने के लिए एक विशेष माइक्रो-क्रेडिट सुविधा योजना , पीएम स्व-निधि शुरू की। यह योजना उन्हें फिर से काम शुरू करने और अपनी आजीविका कमाने में सक्षम बनाने के लिए मील का पत्थर साबित होगी। वेंडर, हॉकर, ठेले वाले, रेहड़ी वाले, ठेली फलवाले आदि सहित 5० लाख से अधिक लोगों को इस योजना से लाभ मिलने की संभावना है। शहरी स्थानीय निकाय इस योजना के कायार्न्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनौतियों से जूझ रहे सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) की मदद करने तथा उन्हें राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी (चैंपियन) बनाने के लिये सोमवार को प्रौद्योगिकी मंच 'चैंपियन्स की शुरुआत की थी। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि उन्होंने चैंपियन्स यानी क्रियेशन एंड हार्मोनियस एप्लीकेशन ऑफ मॉर्डन प्रोसेसेज फॉर इंक्रीजिंग दी आउटपुट एंड नेशनल स्ट्रेंथ नाम के पोर्टल को शुरू किया। इस मौके पर उनके साथ भूतल परिवहन एवं एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद रहे।

देश में जारी कोरोना वायरस के संकट के बीच आज एक नई शुरुआत होने जा रही है. 24 मार्च से देश में जारी लॉकडाउन के आज पांचवें चरण की शुरुआत हुई है, जिसे अनलॉक-1 का नाम दिया गया है. दूसरी तरफ देश में बढ़ते कोरोना मामलों पर सरकार ने चिंता जाहिर की है. केंद्र सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का 1 साल पूरा होने पर कैबिनेट की बैठक की. कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं. बैठक में किसान, लघु उद्योग और रेहड़ी पटरी वालों के हित में कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई. इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री मंत्री नितिन गडकरी, प्रकाश जावड़ेकर और नरेंद्र तोमर ने कैबिनेट के फैसलों के बारे में मीडिया को अवगत कराया. बैठक में किसान, लघु उद्योग और रेहड़ी पटरी वालों के हित में कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए.

MSME को 20 हजार करोड़ लोन के प्रस्ताव को मंजूरी

कैबिटने में किसान और उद्योग को लेकर कई अहम फैसले लिए गए हैं. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि MSME को 20 हजार करोड़ लोन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है, जिससे नौकरी के बढ़ेंगे अवसर. कैबिनेट के फैसले से करोड़ों किसानों को लाभ होगा.

 

  • MSME की सीमा 25 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ की गई है. 
  • भारत सरकार ने MSME की परिभाषा को संशोधित किया है.
  • MSME के कारोबार की सीमा 5 करोड़ रुपए की गई है. 
  • सैलून, पान की दुकान और मोची को भी इस योजना से लाभ होगा.
  • सरकार व्यवसाय को आसान बनाने की दिशा में काम कर रही है.
  • MSME को लोन देने के लिए 3 लाख करोड़ की योजना है.
  • MSME इक्विटी में निवेश का ऐलान
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प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि MSMEs के लिए 50,000 करोड़ रुपए के इक्विटी निवेश का ऐलान किया गया है. इसमें ये कंपनियां बाजार में लिस्ट होकर पैसा जुटा सकती हैं. देश भर में 6 करोड़ से ज्यादा MSMEs हैं. कोरोनावायरस महामारी के बाद पीएम मोदी ने इस सेक्टर की अहमियत समझते हुए MSMEs के लिए आवंटन का फैसला किया गया है.

क्रेडिट स्कीम को मंजूरी

रेहड़ी लगाने वालों के लिए भी क्रेडिट स्कीम को मंजूरी दी गई है. शहरी आवास मंत्रालय ने विशेष सूक्ष्म ऋण योजना शुरू की है. इसके जरिए छोटे दुकाने चलाने वाले या रेहड़ी पटरी पर दुकान लगाने वाले लोन ले सकते हैं. यह योजना लंबे समय तक चलेगी. इसका फायदा 50 लाख से ज्यादा दुकानदारों को मिलेगा.

किसानों को राहत

खरीफ सीजन (2020-21) की 14 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य का ऐलान किया गया है. इन फफलों पर किसानों को लागत का 50 से लेकर 83 फीसदी तक ज्यादा दाम हासिल होगा. नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार ने लॉकडाउन के दौरान कटाई की अनुमति दी. किसान ने इस साल बंपर खेती करके देश को समर्पित किया है.