Moody's GDP Growth: मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को साल 2022 के लिए घटा दिया है. मूडीज ने साल 2022 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth) का 7.7 फीसदी रहना की उम्मीद जताई है. मूडीज का मानना है कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी,  अनुमान से कमजोर मानसून और ग्लोबल ग्रोथ की रफ्तार कम होने की वजह से भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान कम आंका गया है. मूडीज की माने तो साल 2022 के मुकाबले 2023 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 5.2 फीसदी रह सकती है. 

इस साल 8.8% रहने का था अनुमान

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पीटीआई की खबर के मुताबिक, बता दें कि मूडीज ने मई महीने में भारत की जीडीपी को 8.8 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान जताया था. साल 2021 में देश की इकोनॉमी 8.3 फीसदी की दर से बढ़ी लेकिन साल 2020 में इकोनॉमी 6.7 फीसदी की दर से सिकुड़ गई थी. बता दें कि 2020 वो साल है, जब देश में कोरोना महामारी का आगाज हुआ था. 

मूडीज के मुताबिक, देश के केंद्रीय बैंक यानी कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के सामने महंगाई एक बड़ी चुनौती है और यही वजह है कि देश में महंगाई और आर्थिक वृद्धि में संतुलन बनाए रखने की दिक्कत हो रही है. 

भारत की असल जीडीपी पर दिया ये डाटा

मूडीज ने आगे कहा कि ऐसी उम्मीद है कि भारत की असल जीडीपी 2021 में 8.3 फीसदी की दर से घटकर 2022 में 7.7 फीसदी हो सकती है और साल 2023 तक 5.2 फीसदी तक फिसल सकती है. मूडीज को उम्मीद है कि जुलाई से दिसंबर के बीच मुद्रास्फीति दबाव और कमजोर हो सकता है और 2023 में आगे भी गिर सकता है. 

मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत में महंगाई में जुलाई में थोड़ी नरमी देखने को मिली और ये 6.7 फीसदी रही. हालांकि महंगाई दर लगातार 7वें महीने भी आरबीआई की तय सीमा से ज्यादा रही है. जनवरी-मार्च 2023 में महंगाई दर 5.8 फीसदी और अप्रैल-मई में 5.0 फीसदी रह सकती है. 

कमोडिटीज की कीमतें गिरने पर मिलेगा फायदा

इसके अलावा मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में ये भी बताया है कि वैश्विक स्तर पर कमोडिटीज की कीमतों में तेज गिरावट आती है तो देश की जीडीपी में ग्रोथ देखने को मिल सकता है. बता दें कि सांख्यिकी कार्यालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत की अर्थव्यवस्था के बेहतर होने के संकेत मिले हैं.