सरकार ने चालू वित्त वर्ष में महात्मा गांधी नरेगा (MGNREGA) योजना के तहत कितना रोजगार पैदा हुआ है, इसे लेकर एक स्पष्टीकरण दिया है. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय (Ministry of Rural Development) ने मंगलवार को बताया कि चालू वित्त वर्ष में अभी तक 261 करोड़ से अधिक व्यक्ति दिवस सृजित हुआ है. 

तुलना ठीक नहीं 

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मंत्रालय ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को लेकर अपना स्पष्टीकरण जारी किया है, जिसमें कहा गया था कि MGNREGA में दिसंबर के पहले 17 दिनों में अभी तक का सबसे कम रोजगार सृजित हुआ है. मंत्रालय ने कहा कि यहां यह स्पष्ट करने की आवश्यकता है कि MGNREGA एक डिमांड से संचालित होने वाली स्कीम है. इसलिए इस तरह की तुलना नहीं की जानी चाहिए.

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ग्रामीण विकास मंत्रालय (Ministry of Rural Development) ने बताया कि वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान, अप्रैल से  नवंबर की अवधि में कुल 175 करोड़ कार्य दिवस का सृजन हुआ था. यह संख्या पिछले वित्त वर्ष में 276 करोड़ और इस चालू वित्त वर्ष में 255 करोड़ थी.

जनवरी के दूसरे सप्ताह तक आएगा डेटा

मंत्रालय ने बताया कि किसी भी विशेष महीने में MGNREGA स्कीम के तहत किए गए कार्यों को महीने के दौरान भरे गए MR से गिना जाता है. इसके डेटा एंट्री के लिए सरकार ने 7 दिन का समय दे रखा है. ऐसे में किसी महीने में हुए कुल काम का डेटा अगले महीने के 10 दिनों तक उपलब्ध होता है. इस प्रकार दिसंबर 2021 में हुए कुल काम का डेटा जनवरी, 2022 के दूसरे सप्ताह तक दिखाई देगा. 

पिछले महीने का आंकड़ा

मंत्रालय ने बताया कि यहां यह भी बता दें कि नवंबर 2019 में कुल 16.92 करोड़ कार्य दिवस पैदा हुए थे, जबकि इसी महीने पिछले साल 23 करोड़ से अधिक और नवंबर 2021 में 22 करोड़ से अधिक कार्य दिवस पैदा हुए हैं.

मजदूरी और सामग्री के लिए फंड जारी करना एक सतत प्रक्रिया है. बजट अनुमान के अनुसार पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में चालू वित्त वर्ष के लिए आवंटित धनराशि में 18 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है. चालू वित्त वर्ष के दौरान, अब तक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में योजना के कार्यान्वयन के लिए 74,388 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि जारी की जा चुकी है.

मंत्रालय ने कहा कि इसके अतिरिक्त जब भी फंड की आवश्यकता होती है, वित्त मंत्रालय (Finance MIni) से धन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया जाता है. हाल ही में, वित्त मंत्रालय ने अंतरिम उपाय के रूप में महात्मा गांधी नरेगा (MGNREGA) स्कीम के लिए 10,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि आवंटित की. इसके अलावा, RE चरण के दौरान मांग के आकलन पर आवंटन किया जा सकता है.