केंद्रीय कैबिनेट ने काफी विचार-विमर्श के बाद आखिरकार बुधवार को सेमीकंडक्टर पॉलिसी (Semiconductor Policy) को मंजूरी दे दी. इसमें 76 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इस मुद्दे पर IT और रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव (IT and Railways Minister Ashwini Vaishnav) ने ज़ी बिज़नेस (Zee Business) की एग्जिक्यूटिव एडिटर स्वाति खंडेलवाल से हई खास बातचीत में कई जानकारियां दी है. आइए जानने की कोशिश करते हैं कि सेमीकंडक्टर पॉलिसी के आने से कितना बदलाव आएगा. 5G नेटवर्क (5g network in india) कब तक तैयार होगा.   

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सवाल: सेमीकंडक्टर पॉलिसी की डिटेल्स क्या है?

जवाब: इस पॉलिसी को शॉर्ट टर्म, मीडियम टर्म, लॉन्ग टर्म के हिसाब से प्लान किया गया है. सरकार ने सेमीकंडक्टर के लिए 20 साल का प्लान बनाया है. सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में कई तरह के काम होते हैं. सिलिकॉन वेफर, चिप प्रिंटिंग, पैकेजिंग जैसे काम पर फोकस है. एक तरह से सरकार पूरे इकोसिस्टम को डेवलप कर रही है.

सवाल: सेमीकंडक्टर पॉलिसी के लिए टाइमलाइन क्या होगा?

जवाब: कपाउंड सेमीकंडक्टर प्लांट से शुरुआत होगी.

सवाल: सेमीकंडक्टर पॉलिसी को जमीन पर आने में कितना वक्त लगेगा ?

जवाब: देश में $75 अरब की इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग है. इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री अगले 5 साल में $250 अरब की हो जाएगी. सेमीकंडक्टर इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री का रॉ मैटेरियल है.

सवाल: कंपनियों का क्या कहना है? 

जवाब: सेमीकंडक्टर सेक्टर से जुड़े हर मुद्दे पर चर्चा हुई है. प्रधानमंत्री (PM MODI) ने C To S का मंत्र दिया है. C To S यानी चिप-टू-स्टार्टअप. C To S मिशन से 85 हजार इंजीनियर तैयार होंगे. 60 इंजीनियरिंग संस्थानों के साथ काम किया जा रहा है. 

सवाल: इस पर कितना समय लगेगा?

जवाब: देश में जल्द कपाउंड सेमीकंडक्टर प्लांट लगेंगे. डिस्प्ले, सिलिकॉन फैब के प्लांट पर भी काम चल रहा है.

सवाल: सरकार 50 परसेंट की सब्सिडी देगी?

जवाब: कंपनियों को 50% कैपिटल सपोर्ट देंगे. ग्लोबल सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में 20% भारतीय हैं. आपको बता दें, इंडियन ब्रेन से सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री चल रही है. हमने चिप इंडस्ट्री के लिए 20 साल का रोडमैप तैयार कर लिया है.

सवाल: कौन-कौन से बड़े प्लेयर्स के बात चल रही है?

जवाब: कुछ महीनों में 15-20 छोटे प्लेयर्स के प्रोजेक्ट मंजूर होंगे. कई बड़ी और छोटी कंपनियों से बातचीत चल रही है. कंपाउंड सेमीकंडक्टर में छोटा निवेश होता है. कंपाउंड सेमीकंडक्टर में छोटे-छोटे प्लांट लगते हैं. सेमीकंडक्टर की पैकेजिंग इंडस्ट्री में भी काफी मौके हैं. सेमीकंडक्टर डिजाइन में 100 के करीब स्टार्टअप होंगे. डिजाइन में 10-12 स्टार्टअप ग्लोबल लीडर बनेंगे.

सवाल: इसमें निवेश के लिए क्या बड़ी कंपनियां तैयार हैं?

जवाब: इसमें अगले 5-6 साल में 1.70 लाख करोड़ रुपये का निवेश आएगा. आगे भी निवेश बढ़ाने की सरकार की कोशिश होगी. कंपनियों को केन्द्र की सेमीकंडक्टर पॉलिसी पर भरोसा है.

सवाल: कितने प्लांट हो जाएंगे?

जवाब: देश में चिप के 4 बड़े प्लांट लगेंगे. पैकेजिंग के 15-20 यूनिट्स लगने की उम्मीद है. डिजाइन के करीब 100 के करीब स्टार्टअप शुरू होंगे.

सवाल: टेलीकॉम के 5G स्पेक्ट्रम को लेकर क्या चल रहा है, कंपनियों की चिंता को कैसा देख रहे हैं

जवाब:  5G स्पेक्ट्रम को लेकर सरकार की नीति पारदर्शी है. अनकनेक्टेड एरिया हाई स्पीड से जुड़ेंगे. 

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सवाल: अब टेलीकॉम सेक्टर को लेकर सरकार का विजन क्या है

जवाब: गांवों तक हाई स्पीड, हाई बैंडविड्थ की रेंज होगी. भारत की IT इंडस्ट्री ग्लोबल स्टैंडर्ड की है. भारत में टेलीकॉम इक्विपमेंट का निर्माण होगा. 35 कंपनियों ने इस पर काम भी शुरू किया है. सभी प्रोजेक्ट्स ग्लोबल स्टैंडर्ड को पूरा करेंगे. टेलीकॉम में नए प्लेयर्स के लिए पर्याप्त मौके हैं. BSNL, MTNL की कनेक्टिविटी बेहतर होगी. BSNL और MTNL का विलय संभव है. फाइबर कनेक्टिविटी को और मजबूत करेंगे. BSNL, MTNL के भविष्य को लेकर पॉजिटिव हैं. अगले साल के अंत तक 5G नेटवर्क तैयार हो जाएगा. शहर जैसी कनेक्टिविटी गांवों में भी मिलेगी. सितंबर में 6,446 करोड़ रुपये का पैकेज मंजूर किया गया है. 7,287 गांवों की मोबाइल कनेक्टिविटी सुधरेगी. टेलीकॉम सेक्टर सनराइज सेक्टर साबित होगा. डिजिटल कनेक्टिविटी बड़ा जरिया बनेगा.