भारत में शेयर बाजार के माध्यम से निवेश करने वालों की तादात काफी कम है. ऐसे में केंद्र सरकार ने अचानक मुनाफे के ऊपर लॉन्ग टर्म केपिटल गेन टैक्स लगाकर नए निवेशकों को शेयर मार्केट से दूर कर दिया है. शेयर बाजार में निवेश करने वाले लोग चाहते हैं कि इस बार बजट में केंद्र सरकार LTCG टैक्स को हटाकर निवेशकों को राहत दे सकती है. केंद्र ने पिछले साल ही शेयर बाजार की कमाई पर LTCG टैक्स लगाया था. 

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LTCG यानी अगर आप एक साल के अंदर शेयर बाजार से 1 लाख रुपये का मुनाफा लेकर अपने शेयर बेच देते हैं तो आपको एक लाख के बाद के मुनाफे के ऊपर 15 फीसदी टैक्स लगता है. और अगर एक साल बाद बेचते हो तो टैक्स की दर 10 फीसदी होगी. सरकार के इस फैसले से अहमदाबाद के ब्रोकर और निवेशक काफी निराश हैं. उनकी मांग है कि इसको हटाना चाहिए. 

एक निवेशक अर्पण शाह कहते हैं, 'देखिए हम स्मॉल एंड मिड केप में निवेश करते हैं लेकिन वे घाटे में चल रहे हैं. और अगर अब एक साल के बाद मुनाफा होता है तो उन पर टैक्स लगेगा. इससे उनके हाथ में क्या आएगा.'

टिप्सन्स स्टॉक ब्रोकर्स प्राइवेट लिमिटेड के नेशनल हेड मनीष मिश्रा बताते हैं, 'सरकार ने पिछले साल LTCG लगाकर ये टारगेट किया था कि 38,000 करोड़ रुपये मिलेंगे, लेकिन हुआ कुछ नहीं. इससे तो अब निवेशकों की निवेश करने की मनसा ही नहीं रहेगी.'

एसोसिएशन ऑफ़ नॅशनल एक्सचेंजिस मेंबर्स ऑफ़ इंडिया (ANMI) ने तो वित्त मंत्रालय को LTCG और STT हटाने के लिए पत्र भी लिखा है. एएनएमआई के डायरेक्टर अनिल शाह बताते हैं कि अगर सरकार एलटीसीजी नहीं हटाती है तो निवेशकों को नुकसान होगा और नए निवेशक शेयर मार्केट की ओर रुख नहीं करेंगे.

गुजरात ही नहीं देश के अन्य इलाकों से भी एलटीसीजी को हटाने की मांग लगातार उठ रही है. निवेशकों को उम्मीद है कि 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में शायद उन्हें इस टैक्स से राहत ही मिल जाए.