देश का इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन पकड़ेगा रफ्तार, खपत और निवेश में तेजी का दिखेगा असर, क्रिसिल का अनुमान
क्रिसिल का कहना है कि सरकार ने पूंजीगत व्यय को बढ़ाने की बात की है और इससे आधारभूत ढांचा संबंधी उत्पादों और सेवाओं का उत्पादन तेज होगा. इसके अलावा खपत और निवेश मांग में भी उछाल आने की संभावना है.
Industrial production india: खपत और निवेश मांग में उछाल आने से आने वाले महीनों के दौरान देश के औद्योगिक उत्पादन की गति (Speed of Industrial production) तेज हो सकती है. क्रिसिल की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले महीनों में भारतीय औद्योगिक उत्पादन (IIP) पर मुख्य रूप से दो कारकों का अधिक प्रभाव रहेगा. इन्हीं वजह से इसकी गति तेज होने की उम्मीद है.
पीटीआई की खबर के मुताबिक, पहला फैक्टर यह है कि कच्चे माल की सप्लाई की समस्या का निदान धीरे-धीरे हो रहा है. यानी सप्लाई में अड़चन से निपटा जा रहा है. इसके अलावा खपत और निवेश मांग में भी उछाल आने की संभावना है.
आधारभूत ढांचा संबंधी उत्पादों और सेवाओं का उत्पादन बढ़ेगा
खबर के मुताबिक, क्रिसिल का कहना है कि सरकार ने पूंजीगत व्यय को बढ़ाने की बात की है और इससे आधारभूत ढांचा संबंधी उत्पादों और सेवाओं का उत्पादन तेज होगा. क्रिसिल ने लेकिन साथ ही यह भी कहा है कि जिंसों की ज्यादा कीमत और विनिर्माण गतिविधियों पर उसका प्रभाव आईआईपी की गति पर असर डालेगा. सरकार ने कुछ दिनों पहले दिसंबर 2021 के औद्योगिक उत्पाद (India Industrial Production) के आंकड़े जारी किए.
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दिसंबर 2021 में देश का औद्योगिक उत्पादन
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर 2021 में देश का औद्योगिक उत्पादन (IIP India Growth Rate Data December 2021) 0.4 प्रतिशत की तेजी से बढ़ा जबकि नवंबर 2021 में यह 1.34 प्रतिशत की तेजी से और दिसंबर 2020 में आईआईपी 2.2 प्रतिशत की तेजी से बढ़ा था. क्रिसिल के मुताबिक दिसंबर 21 में औद्योगिक उत्पादन की तेजी में आई कमी का एक मुख्य कारण दिसंबर 20 से इसकी तुलना भी है. दिसंबर 20 में आईआईपी नवंबर 20 की तुलना में ज्यादा तेजी से बढ़ा था.