Coronavirus के कारण पूरी दुनिया के ज्‍यादातर देशों में lockdown के कारण global economy संकट में है. इस बीच, भारत में बीते कारोबारी साल 2019-20 के Q4 तिमाही (जनवरी-मार्च) के आंकड़े जारी हुए हैं. इसमें भारतीय इकोनॉमी 3.1 फीसदी की रफ्तार से ग्रो करने की बात कही गई है.

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हमारे सहयोगी न्‍यूज चैनल Wion ने इस मौके पर FM निर्मला सीतारमण से exclusive बातचीत की. Wion चैनल की एग्जिक्यूटिव एडिटर पल्‍की शर्मा उपाध्याय से बातचीत के दौरान वित्‍त मंत्री ने कहा कि जनवरी से मार्च के बीच इकोनॉमी के रिवाइव होने के पूरे संकेत थे. क्‍योंकि बीते साल सितंबर के आसपास हमने सरकारी बैंकों की दशा सुधारने के लिए कई ऐहतियाती कदम उठाए थे. इन कदमों में बैंकों की नकदी किल्‍लत दूर करने से लेकर लोन से इनकम बढ़ाने के तमाम उपाय शामिल थे.

Fm निर्मला सीतारमण ने कहा कि हालांकि इस बीच, कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus mahamari) के देश में फैलने से सरकार को ऐहतियाती कदम उठाने पड़े. इससे ग्रोथ को झटका लगा. 3.1 फीसदी की इकोनॉमी ग्रोथ से हमें कहीं ज्‍यादा की उम्‍मीद थी.

बता दें कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों में भारत की Gdp के आंकड़े पेश किए गए हैं. ग्रोथ के आंकड़ों पर कोविड-19 संकट का प्रभाव भी पड़ा है. इससे पिछले कारोबारी साल की समान तिमाही में growth rate 5.7 प्रतिशत था. 

बीते पूरे कारोबारी साल में जीडीपी ग्रोथ घटकर 4.2 प्रतिशत पर आ गई है, जो इससे पिछले कारोबारी साल में 6.1 प्रतिशत रही थी. covid 19 पर काबू के लिए सरकार ने 25 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा की थी. लेकिन जनवरी-मार्च के दौरान दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियां सुस्त रहीं, जिसका असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा.

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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2019-20 में ग्रोथ रेट पांच प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था. एनएसओ ने इस साल जनवरी फरवरी में जारी पहले और दूसरे अग्रिम अनुमान में ग्रोथे रेट 5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था.  कोरोना वायरस महामारी की वजह से जनवरी-मार्च, 2020 के दौरान चीन की अर्थव्यवस्था में 6.8 प्रतिशत की गिरावट आई है.