Indian Economy Growth: कोरोना संकट से जूझ रही दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं के बीच भारत को लेकर एक अच्छी खबर आ रही है. भारत की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) तेजी से पटरी पर लौट रही है. मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस (Moody's) का कहना है कि अगले फाइनेंशियल ईयर में भारतीय कंपनियों की स्थिति में सुधार आएगा. क्योंकि भारत में लॉकडाउन के बाद (Post Lockdown) आर्थिक गतिविधियां तेजी से अपनी पुरानी स्थिति में लौट रही हैं. 

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मूडीज का कहना है कि आने वाले समय में ज्यादातर कंपनियों की आमदनी बढ़ेगी क्योंकि गिरावट के बाद अब मांग में सुधार देखने को मिल रहा है. 

मूडीज विश्लेषक स्वेता पाटोदिया का कहना है कि बड़े स्तर पर मांग में सुधार होने से वित्त वर्ष 2022 के अंत तक जीडीपी में 10.8 प्रतिशत तक की मजबूत ग्रोथ देखने को मिलेगी. 

जैसे-जैसे आर्थिक गतिविधियां आपस में इकट्ठा होना शुरू होंगी, 2021 में भारतीय उद्योग जगत में सुधार आएगा. कंपनियों की आय में अभी भी सुधार देखने को मिल रहा है. 

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ज्यादा आमदनी और कम पूंजीगत खर्चों के तालमेल का असर अगले 12 से 18 महीनों के दौरान दिखाई देगा. 

मूडीज के मुताबिक, पूरी अर्थव्यवस्था की रिकवरी अभी नाजुक दौर में ही रहेगी क्योंकि कोरोना संक्रमण अभी भी लगातार आगे बढ़ रहा है. भले ही इसकी स्पीड कम हो. कोरोना के चलते ने लॉकडाउन से इनकार नहीं किया जा सकता है, जिसके कारण उपभोक्ता मांग और रिकवरी पर असर पड़ सकता है. 

अर्थव्यवस्था वृद्धि की राह पर होगी

उधर, नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने भी कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अब महामारी की वजह से आई गिरावट से उबर रही है और चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में यह वृद्धि के रास्ते पर होगी.

उन्होंने कहा कि दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़ों से पता चलता है कि अर्थव्यवस्था अब कोविड-19 महामारी की वजह से आई गिरावट से उबर रही है. और चौथी तिमाही में जीडीपी दर सकारात्मक दायरे में पहुंच जाएगी और पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले में इसमें मामूली वृद्धि हासिल कर ली जाएगी. सरकार ने इस समय का इस्तेमाल कई संरचनात्मक सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए किया है. वहीं कई सुधार अभी पाइपलाइन में हैं.