भारत की आर्थिक शक्ति में बढ़ोतरी और सरकार की नीतियों का फायदा गरीबों तक पहुंचने की तस्दीक अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने लगी है. वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम (WEF) और ब्रेन एंड कंपनी ने एक संयुक्त रिपोर्ट में कहा है कि 2030 तक भारत में करीब 2.5 करोड़ परिवार गरीबी से उबर जाएंगे और सिर्फ 5 प्रतिशत परिवार ही बीपीएल (BPL) श्रेणी यानी गरीबी रेखा के नीचे रह जाएंगे. इस समय भारत में करीब 15 प्रतिशत परिवार गरीबी रेखा के नीचे गुजर-बसर करने को मजबूर हैं.

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2030 तक सुधरेंगे हालात

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2030 तक मिडिल इनकम श्रेणी वाले परिवारों की संख्या में 14 करोड़ का इजाफा होगा, जबकि हाई इनकम ग्रुप में 2.1 करोड़ परिवार बढ़ जाएंगे. इस तरह इस भारत में मिडिल इनकम और हाई इनकम ग्रुप वाले परिवारों की संख्या दोगुनी होकर 51 प्रतिशत हो जाएगी.

मिडिल क्लास इकोनॉमी बनेगा भारत

रिपोर्ट में कहा गया है कि लोगों की आमदनी में बढ़ोतरी के चलते 2030 तक भारत वास्तव में मिडिल क्लास इकनॉमी बन जाएगा. इस दौरान उपभोक्ता खर्च 1.5 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 6 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगा. इसके साथ ही भारत अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार बन जाएगा. 'फ्युचर ऑफ कन्सम्शन इन फास्ट-ग्रोथ कंज्युमर मार्केट' नाम से जारी इस रिपोर्ट के मुताबिक 2030 तक देश में हर दूसरा परिवार अपर मिडिल क्लास या हाई इनकम ग्रुप में होगा.

किसकी कितनी होगी हिस्सेदारी

भारत के उपभोक्ता बाजार में तेजी की इस उम्मीद के चलते कई विदेशी निवेशकों ने बीते साल भारत के उपभोक्ता बाजार में भारी निवेश किया है. इसमें यूनीलीवर-जीएसके डील, जायडस वेलनेस डील और फ्लिपकार्ट-वालमार्ट डील शामिल हैं. भारत के घरेलू निजी उपभोग की जीडीपी में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी है. रिपोर्ट के मुताबिक देश में कुल उपभोक्ता खपत में अपर-मिडिल इनकम हाउसहोल्ड की हिस्सेदारी 47 प्रतिशत होगी, जबकि हाई इनकम हाउसहोल्ड की 14 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी.