अर्थव्यस्था के मामले में भारत लगातार ऊंची सीढ़ियां चढ़ता जा रहा है. स्टील सेक्टर में भारत तेजी से तरक्की कर रहा है. स्टील सेक्टर में दुनियाभर में भारत का दबदबा कायम करने के उद्देश्य से मोदी सरकार स्टील क्षेत्र को प्रोत्साहन देने को लेकर प्रतिबद्ध दिख रही है. 

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चीन दुनिया में स्टील का सबसे बड़ा उत्पादक है. चीन का क्रूड स्टील का उत्पादन 2018 में 92.83 करोड़ टन था, जबकि भारत 10.65 करोड़ टन उत्पादन कर दुनिया में दूसरे स्थान पर है. केंद्र सरकार देश की इकोनॉमी की धुरी स्टील उद्योग का विकास उसी गति से करना चाहती है. 

राष्ट्रीय इस्पात नीति 2017 में स्टील उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने पर बल दिया गया है, जिसके तहत इस क्षेत्र को प्रौद्योगिकी के मामले में उन्नत बनाने के साथ-साथ इसे दुनिया के बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाना है. 

वर्ष 2030-31 में देश में स्टील का उत्पादन बढ़ाकर 30 करोड़ टन करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए हितधारकों को विचार-विमर्श में शामिल करना आवश्यक है, ताकि भारत के स्टील उद्योग को आकर्षक, सक्षम और दुनिया में प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में मंत्रालय द्वारा एक रोडमैप तैयार किया जा सके.

स्टील की खपत के मामले में चीन और अमेरिका के बाद भारत तीसरे स्थान पर है, लेकिन मौजूदा दौर में भारत में प्रति व्यक्ति स्टील की खपत 75 किलोग्राम है, जबकि वैश्विक औसत 225 किलोग्राम प्रति व्यक्ति है.

चिंतन शिविर में स्टील का उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ खपत बढ़ाने सहित स्टील सेक्टर के सामने आर रही चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया जाएगा.