India-UK FTA Deal: भारत और ब्रिटेन के बीच में फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर लगभग सहमति बन चुकी है. समझौते को अंतिम रूप दिया जा रहा है. बस आखिरी कुछ बिंदुओं पर काम चल रहा है. इस महीने दोनों देशों के बीच एक और दौर की बातचीत होनी है. ऐसे में भारत क्रिकेट डिप्लोमैसी से FTA का रास्ता संभव करना चाहता है. ताजा जानकारी के अनुसार, सोमवार को वाणिज्य मंत्रालय ने PMO को प्रेजेंटेशन दिया है. इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी और Country of Origin को लेकर चर्चा जारी है. भारत यह सुनिश्चित करना चाहता है कि ब्रिटेन अन्य देशों के सामान डंपिंग का रास्ता नहीं बने.

वर्ल्ड कप के लिए भेजा गया न्योता

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ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक को इस महीने के अंत में भारत आने का प्रस्ताव भेजा गया है, हालांकि UK से कोई आधिकारिक हामी नहीं प्राप्त हुई है. भारत और ब्रिटेन के बीच वर्ल्ड कप का मैच 29 अक्टूबर को खेला जाना है, ऐसे में ब्रिटिश पीएम भारत दौरे पर आ सकते हैं.

भारत-ब्रिटेन दोनों तलाश रहे तारीख

ऋषि सुनक की नयी दिल्ली यात्रा की संभावना पर दोनों ही देश तारीखें ढूंढ रहे हैं, भारत ने तो अब 29 अक्टूबर के लिए न्योता भी भेज दिया है. हो सकता है कि 28 अक्टूबर का प्लान बन जाए, लेकिन यह आखिर में इस बात पर निर्भर कर सकता है कि क्या दोनों पक्ष बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर आगे बढ़ने के लिए लंबित मतभेदों को सुलझा पाएंगे या नहीं.

FTA पर कहां तक पहुंची है बात?

दोनों देशों ने हाल ही में 13वें दौर की बातचीत पूरी की है. बातचीत को गति देने के लिए वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल के नेतृत्व में एक दल पिछले सप्ताह लंदन गया था. निवेश संबंधी मामलों से निपटने वाला ब्रिटेन के दल की वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के साथ प्रस्तावित द्विपक्षीय निवेश संधि (बीआईटी) के लिए बातचीत तेज गति से बढ़ रही है.

दोनों देशों के बीच अब तक कुल 26 में से 24 चैप्टर पर सहमति बन चुकी है. IP नियमों को लेकर बातचीत, विशेषकर फार्मा सेक्टर से जुड़े प्रावधान, सोशल सिक्योरिटी और द्विपक्षीय निवेश ट्रीटी पर चर्चा हुई है. दिवाली तक FTA की घोषणा संभव है. घोषणा नहीं होने की स्थिति में तारीख आगे बढ़ सकती है, जो सम्भव है अगली सरकार के साथ आए क्योंकि दोनों देशों में चुनाव हैं.

‘उत्पत्ति के नियम’ के प्रावधान यह निर्धारित करते हैं कि एफटीए देश में न्यूनतम प्रसंस्करण होना चाहिए ताकि अंतिम निर्मित उत्पाद को उस देश में उत्पन्न होने वाले सामान के रूप में बताया जा सके. इस प्रावधान के तहत, कोई भी देश जिसने भारत के साथ एफटीए पर हस्ताक्षर किया है, वह सिर्फ एक लेबल लगाकर किसी तीसरे देश के माल को भारतीय बाजार में नहीं भेज सकता है. भारत को निर्यात करने के लिए उसे उस उत्पाद में एक निर्धारित मूल्यवर्धन करना होगा. इसके मानदंड माल की डंपिंग को रोकने में मदद करते हैं. भारत और ब्रिटेन के बीच एक अलग समझौते के रूप में निवेश संधि पर बातचीत चल रही है. ये निवेश संधियां एक-दूसरे के देश में निवेश को बढ़ावा देने में मदद करती हैं.

(एजेंसी से इनपुट)

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