भारत में 1952 से लेकर अबतक 16 बार लोकसभा का चुनाव हो चुका है और 17वीं लोकसभा के चुनाव के आखिरी तीन फेज बचे हैं. 23 मई को लोकसभा चुनाव का परिणाम घोषित होगा. 23 मई को ही तय होगा कि अगले 5 वर्षों तक भारत में किस पार्टी या गठबंधन की सरकार होगी. लेकिन, देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने दावा किया है कि इस बार भारत सबसे ज्यादा मतदान का गवाह बनेगा. दरअसल, अगले तीन चरणों में अगर मतदान प्रतिशत थोड़ा सा भी बढ़ता है तो यह स्वतंत्रता के बाद सबसे ज्यादा वोटिंग वाला लोकसभा चुनाव होगा. एसबीआई की एक रिसर्च रिपोर्ट में यह सामने आया है. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रिकॉर्ड तोड़ने की ओर मतदान

भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा का कहना है  कि अबकी बार 90 करोड़ मतदाता वोट डालेंगे और पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार 8.43 करोड़ मतदाताओं की संख्या बढ़ी है. इस बार 1.5 करोड़ युवा पहली बार मतदान करेंगे. इनकी उम्र 18 से 19 साल के बीच है. पांचवें चरण के लिए 6 मई को मतदान होना है. SBI की रिपोर्ट के मुताबिक, चौथे चरण के चुनाव तक मतदान प्रतिशत 67 फीसदी हो चुका है, जो 2014 के 67.6 फीसदी मतदान से मामूली अंतर से पीछे है. 

1947 के बाद सबसे ज्यादा मतदान

SBI की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर इसी ट्रेंड के साथ मतदान हुआ तो यह पिछली लोकसभा चुनाव के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ देगा. यही नहीं, 1947 के बाद पहली बार इतना मतदान होगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर चौथे चरण के मतदान तक ट्रेंड में 1 फीसदी की तेजी आती है तो यह 1947 के बाद सबसे ज्यादा वोटिंग वाले लोकसभा चुनाव होते. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 2019 के आम चुनाव कई मायनों में अनूठा है.

57 साल में सबसे ज्यादा वोटिंग

वोटर्स के पिछले कुछ सालों के ट्रेंड को देखें तो आंध्र प्रदेश, असम, गुजरात और कर्नाटक में सबसे ज्यादा मतदान हुआ है. 1962 के बाद या यूं कहें कि स्वतंत्रता के 57 सालों के बाद इतनी ज्यादा वोटिंग देखने को मिली है. वहीं, छत्तीसगढ़ में 15 साल बाद ज्यादा मतदान हुआ है. महाराष्ट्र में 30 साल बाद इतना ज्यादा मतदान हुआ है. इससे साफ जाहिर है कि देश की जनता अपने अधिकार और जिम्मेदारी को लेकर काफी जागरुक हुई है. इसके पीछे चुनाव आयोग और सिविल सोसाइयटी से लेकर सभी का योगदान शामिल है, जिन्होंने मतदान के प्रति जागरुकता अभियान चलाए हैं.

यंग ब्रिगेड ने किया मतदान

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बार भारतीय चुनाव में यंग ब्रिगेड से लेकर बुजुर्ग और महिलाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया है. रिपोर्ट के मुताबिक असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, केरल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश (आंशिक), राजस्थान (आंशिक) जैसे राज्यों में औसतन युवा मतदाता (18 से 25 वर्ष) का प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है. इसमें 3.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. 

बुजुर्ग मतदान प्रतिशत भी बढ़ा

महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल जैसे राज्यों में जहां बुजुर्गों की आबादी राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है, वहां भी औसतन मतदान में 1.8 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है. महिला मतदाता के मतदान प्रतिशत में भी सुधार देखने को मिला है. इसकी बड़ी वजह जन-धन, मुद्रा, उज्ज्वला योजनाओं जैसे उपाए हैं, जो महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देती हैं.