RBI MPC Meeting: उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने कहा कि भारतीय उद्योग जगत बीते दिनों ब्याज दरों में हुई बढ़ोतरी के प्रतिकूल असर को महसूस कर रहा है. इसके साथ ही CII ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से अनुरोध किया है कि वह ब्याज दर में बढ़ोतरी की रफ्तार घटाए. आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में अभी तक रेपो रेट (Repo Rate) में 1.9% की बढ़ोतरी की है. ब्याज दर पर विचार करने के लिए केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति की समिति की बैठक (MPC Meeting) दिसंबर के पहले सप्ताह में होगी.

घट रहा कंपनियों का मुनाफा

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CII के विश्लेषण के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर 2022) में बड़ी संख्या में कंपनियों की आय और मुनाफे में कमी आई है. ऐसे में सीआईआई ने तर्क दिया कि मौद्रिक सख्ती की गति में कमी करने की जरूरत है. 

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CII के अनुसार, आंकड़े बताते हैं कि घरेलू मांग में सुधार का रुख है. हालांकि, वैश्विक सुस्ती का असर भारत की ग्रोथ संभावनाओं पर भी पड़ सकता है. उद्योग निकाय ने कहा, वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच घरेलू ग्रोथ को बनाए रखने के लिए RBI को अपनी मौद्रिक सख्ती की रफ्तार को पहले के 0.50% से कम करने पर विचार करना चाहिए.

लगातार 4 बार रेपो रेट में बढ़ोतरी

आरबीआई ने मई में एक अनिर्धारित नीति बैठक में रेट हाइक सायकल शुरू किया. फरवरी में शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को मुद्रास्फीति के दबावों, कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी, ऊर्जा संकट, सप्लाई-चेन में व्यवधान देखा गया.

मई से अब तक RBI ने लगातार चार बार दरों में बढ़ोतरी की है, जबकि इसने लगातार तीन नीतियों के दौरान पॉलिसी रेपो रेट में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी की है. अब, रेपो रेट 5.9% है. RBI की मौद्रिक नीति को कड़ा करना महंगाई के दबाव से निपटने के लिए किया गया है.

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