Coal Production in India: देश में कोयला और लिग्नाइट का प्रोडक्शन वित्त वर्ष 2023-24 में पहली बार एक अरब टन के आंकड़े को पार कर गया . ये 10 साल में सबसे अधिक है. एक साल पहले 93.7 करोड़ टन था. यही नहीं, आठ प्रमुख उद्योगों के इंडेक्स के अनुसार फरवरी 2024 के दौरान कोयला क्षेत्र ने आठ प्रमुख उद्योगों में 11.6 प्रतिशत की उच्चतम वृद्धि दर्ज की है. केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सोमवार को आधिकारिक आंकड़े जारी किए. इस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया इसे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक अहम कदम बताया है.  

Coal Production in India: प्रहलाद जोशी ने लिखा- '10 साल में 70 फीसदी बढ़ा कोयले का प्रोडक्शन'

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केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने X पर लिखा, ‘पहली बार, भारत का कोयला और लिग्नाइट उत्पादन 1 बिलियन टन से अधिक हो गया है. घरेलू कोयला उत्पादन बढ़ाने के निरंतर प्रयासों ने सुनिश्चित किया है कि आगे चलकर देश को कभी भी कोयले की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा. सरकार से मिल रहे लगातार सहयोग से पिछले 10 वर्षों में उत्पादन 70 प्रतिशत बढ़ा है. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदीजी के नेतृत्व में, कोयला खनन क्षेत्र में बदलाव हो रहे हैं, जो विकसित भारत की आकांक्षाओं को दिखाता है.'

Coal Production in India: पीएम मोदी ने लिखा- 'भारत के लिए एतिहासिक मील का पत्थर'

पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रहलाद जोशी के पोस्ट का जवाब देते हुए लिखा, 'ये एक उल्लेखनीय उपलब्धि है! कोयला और लिग्नाइट उत्पादन में 1 बिलियन टन का आंकड़ा पार करना भारत के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है. यह एक वाइब्रेंट कोल सेक्टर की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. यह एक महत्वपूर्ण क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत का मार्ग भी सुनिश्चित करता है.' आपको बता दें कि कोयला उद्योग में पिछले आठ महीनों में निरंतर दोहरे अंकों की वृद्धि हो रही है. 

Coal Production in India: प्रहलाद जोशी ने कहा- 'आयात खत्म करने के लक्ष्य से दूर नहीं भारत'  

कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने पिछले महीने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा था कि बिजली उत्पादक संयंत्रों में मिश्रण के लिए आयातित कोयले की हिस्सेदारी पिछले वित्त वर्ष की तुलना में इस वित्त वर्ष में कम हो गई है. वित्त वर्ष 2023-24 में मिश्रण के लिए कोयला आयात लगभग 2.22 करोड़ टन रहा जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में यह 3.08 करोड़ टन था. कोयला आयात में कमी से केवल एक साल में 82,264 करोड़ रुपये की बचत हुई है. उन्होंने कहा कि देश 2025-26 तक कोयला आयात खत्म करने के अपने अगले लक्ष्य से बहुत दूर नहीं है.