देश की औद्योगिक उत्पादन (IIP) की वृद्धि दर अक्टूबर में 8.1 प्रतिशत पर पहुंच गई. यह इसका 11 माह का उच्च स्तर है. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) के बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार खनन, बिजली और विनिर्माण क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन तथा पूंजीगत सामान और टिकाऊ उपभोक्ता सामान क्षेत्र का उठाव बढ़ने से औद्योगिक वृद्धि दर अच्छी रही. पिछले साल अक्टूबर में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 1.8 प्रतिशत रही थी.

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इससे पहले पिछले साल नवंबर में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 8.5 प्रतिशत रही थी. सितंबर माह की वृद्धि दर के आंकड़े को 4.5 प्रतिशत पर कायम रखा गया है. पिछले महीने जारी अस्थायी आंकड़ा भी इतना ही था. चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से अक्टूबर की अवधि में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 5.6 प्रतिशत रही है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 2.5 प्रतिशत रही थी.

औद्योगिक उत्पादन में 77.63 प्रतिशत का हिस्सा रखने वाले विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर समीक्षाधीन महीने में 7.9 प्रतिशत रही है, जो पिछले साल अक्टूबर में दो प्रतिशत थी. अक्टूबर में खनन क्षेत्र ने सात प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जबकि अक्टूबर, 2017 में इस क्षेत्र का उत्पादन 0.2 प्रतिशत घटा था. बिजली क्षेत्र का उत्पादन समीक्षाधीन महीने में 10.8 प्रतिशत बढ़ा, जो एक साल पहले समान अवधि में 3.2 प्रतिशत बढ़ा था.

पूंजीगत सामान क्षेत्र का उत्पादन 16.8 प्रतिशत बढ़ा, जो एक साल पहले समान महीने में 3.5 प्रतिशत बढ़ा था. टिकाऊ उपभोक्ता सामान क्षेत्र का उत्पादन अक्टूबर में 17.6 प्रतिशत बढ़ा, जबकि एक साल पहले समान महीने में यह 9 प्रतिशत घटा था. उद्योग के संदर्भ में, विनिर्माण क्षेत्र के 23 में से 21 उद्योग समूहों में अक्टूबर में वृद्धि दर्ज की गई.

उपयोग के आधार पर वर्गीकरण के हिसाब से अक्टूबर, 2018 में प्राथमिक वस्तुओं की वृद्धि दर अक्टूबर, 2017 की तुलना में छह प्रतिशत रही. वहीं मध्यवर्ती वस्तुओं के मामले में यह 1.8 प्रतिशत तथा बुनियादी ढांचा-निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 8.7 प्रतिशत रही. उपभोक्ता गैर टिकाऊ क्षेत्र की वृद्धि दर 7.9 प्रतिशत दर्ज की गई.