जून 2021 में रिटेल महंगाई दर में नरमी देखी गई है. फूड आइटम्‍स हो या नॉन फूड आइटम्‍स दोनों के आंकड़ों में गिरावट आई है. अगर हम इस साल मई के मुकाबले जून के रिटेल महंगाई दर (Retail inflation) को देखते हैं, तो सभी बड़े फैक्‍टर पर राहत मिली है. हालांकि, इन सबके बीच क्रूड को लेकर अभी भी चिंता देखी जा सकती है. मई से जून के बीच इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड की कीमतों में 6 डॉलर प्रति बैरल का उछाल आ चुका है. इसका असर घरेलू मार्केट में पेट्रोल पम्‍प की कीमतों पर पड़ रहा है. एक रिपोर्ट का कहना है कि पेट्रोल पम्‍प पर कीमतों में अगर 10 फीसदी का उछाल आता है, तो रिटेल महंगाई दर (CPI) में इससे 0.50 फीसदी का असर पड़ता है. यानी, सीधे तौर पर यह महंगाई आपकी जेब पर असर डालती है. जून में रिटेल महंगाई दर 6.26 फीसदी पर दर्ज की गई. 

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SBI के चीफ इकोनॉमिस्‍ट सौम्‍यकांति घोष की एसबीआई इकोरैप रिपोर्ट (SBI Ecowrap) का कहना है कि क्रूड की कीमतें आने वाले समय में ओपेक प्‍लस (OPEC+) देश की ओर से प्रोडक्‍शन बढ़ाने पर निर्भर करेगा. हाल ही में ओपेक प्लस देशों की रद्द हुई मीटिंग से यह साफ संदेश है कि अभी ब्रेंट क्रूड में तेजी का दौर रहेगा और यह भारत में तेल की महंगाई पर असर डालेगा. रिपोर्ट का कहना है, ''पेट्रोल पम्‍पों (मुंबई) पर कीमतों में हरेक 10 फीसदी की बढ़ोतरी का रिटेल महंगाई दर पर 50 बेसिस प्‍वाइंट (0.50 फीसदी) का असर होता है. '' 

पेट्रोल-डीजल पर बढ़ा है खर्च

रिपोर्ट के मुताबिक, जून 2021 में महंगाई दर के आंकड़ों में एक रोचक ट्रेंड भी है. जैसेकि, कंज्‍यूमर फ्यूल पर ज्‍यादा खर्च कर रहे हैं. एसबीआई कार्ड के खर्चों के एनॉलसिस बताते हैं कि लोग फ्यूल पर खर्च बढ़ा रहे हैं. फ्यूल, ग्रॉसरी और यूटिलिटी सर्विसेज पर लोगों का खर्च तरीके से बढ़ा है. आंकड़ों के मुताबिक, फ्यूल जैसी चीजों पर खर्च जून 2021 में बढ़कर 75 फीसदी हो गया जो कि मार्च 2021 में 62 फीसदी था. 

वैक्‍सीनेशन की रफ्तार बढ़ाना जरूरी 

कोरोना महामारी की दूसरी लहर (second wave of covid) का असर अभी भी बना हुआ है. भारत में रोज औसतन 40 हजार से ज्‍यादा नए कोरोना के मामले (covid19 cases in india) सामने आ रहे हैं. महामारी को हराने के लिए वैक्‍सीनेशन की रफ्तार को बढ़ाना होगा. इकोरैप रिपोर्ट के मुताबिक, अगर भारत में रोजाना 70 लाख वैक्‍सीनेशन होता है तो वित्‍त वर्ष 2022 के आखिर तक पूरी एडल्‍ट आबादी को वैक्‍सीनेट किया जा सकता है.