जब आप कोई प्रॉपर्टी खरीदने जाते हैं तो प्रॉपर्टी की कीमत, रजिस्ट्री चार्ज के अलावा ब्रोकर का कमीशन (property brokers commission) भी देना होता है. इस कमीशन के चलते प्रॉपर्टी काफी महंगी हो जाती है. कई बार तो इस कमिशन के चक्कर में प्रॉपर्टी खरीदने की प्लानिंग तक बिगड़ जाती है. 

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लेकिन हरियाणा (Haryana) से एक अच्छी खबर आ रही है कि संपत्तियों की खरीद-फरोख्त में ब्रोकर की भूमिका निभाने वाले प्रॉपर्टी डीलर अब एक फीसदी से ज्यादा का कमीशन नहीं ले सकेंगे. और एक फीसदी कमीशन में भी प्रॉपर्टी डीलर (property dealer) को आधा कमीशन प्रॉपर्टी बेचने वाले और आधा कमीशन प्रॉपर्टी खरीदने वाले द्वारा दिया जाएगा.

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प्रॉपर्टी डीलरों के कमिशन के बारे में हरियाणा भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (Haryana RERA) ने कई  मानक तय कर दिए हैं और इन मानकों का सख्ती से पालन कराया जाएगा.

दरअसल, हरियाणा में प्रॉपर्टी डीलर-ब्रोकर संपत्ति की खरीद-फरोख्त में विक्रेता और खरीदार, दोनों से मनमाना कमीशन वसूल रहे हैं. इस कमीशन को लेकर कई बार विवाद भी हुए हैं. मनमाने कमीशन को लेकर हरेरा (HARERA) को लगातार शिकायतें भी मिल रही हैं.

इस शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए हरेरा अध्यक्ष डॉ. केके खंडेलवाल (KK Khandelwal) और सदस्य एससी कुश ने कमीशन के बारे में एक नियम तैयार किया है. इस नियम के मुताबिक प्रॉपर्टी डीलर एक फीसदी से ज्यादा कमीशन नहीं ले पाएंगे.

हरेरा के मुताबिक अब बिल्डर हरियाणा प्रॉपर्टी डीलर्स एवं कंसल्टेंट्स विनियामक अधिनियम, 2008 के तहत बनाए गए हरियाणा प्रॉपर्टी डीलर्स एवं कंसल्टेंट्स विनियामक नियम, 2009 में निर्धारित राशि से अधिक कमीशन नहीं ले सकेंगे.

हरेरा अध्यक्ष डॉ. केके खंडेलवाल ने बताया कि हरेरा, गुरुग्राम प्रॉपर्टी डीलर्स के लिए आचार संहिता तैयार करने की प्रक्रिया में है और सुनिश्चित किया जाएगा कि वे ऐसे मानदंडों का पालन करें जिससे ब्रोकर किसी से भी ज्यादा कमीशन न ले सकें.

पहले से ही है नियम

हालांकि जहां तक एक फीसदी कमीशन के नियम की बात है तो यह नियम पहले से ही बना हुआ है, लेकिन इस नियम का कोई भी पालन नहीं करता है. नियम के मुताबिक, वैध रसीद के तहत संपत्ति के लेन-देन का सौदा पूरा होने पर खरीदार और विक्रेता को आधा-आधा फीसदी राशि का भुगतान करना होता है. 

हरेरा को शिकायतें मिल रही थीं कि कुछ डीलर और ब्रोकर, प्रमोटर्स के साथ साठगांठ करके विक्रेता और खरीदार, दोनों से मनमाना शुल्क वसूल रहे हैं. और कहीं-कहीं तो यह कमीशन 5-10 फीसदी वसूलने के मामले भी सामने आए 

खास बात ये है कि इस एक्स्ट्रा कमीशन का बोझ खरीदार द्वारा ही साझा किया जाता है.