मोदी सरकार ने 1 जुलाई 2017 को देश की कर संरचना में बड़ा बदलाव किया था. आज से 2 साल पहले मोदी सरकार ने देश में GST (वस्‍तु एंव सेवा कर) को लागू किया था. देश में GST आने के बाद टैक्‍स यूनिफॉर्मिटी आ गई थी. 'जी बिजनेस' की खास पेशकश 'गुड स्‍टॉक टू ट्रेड' इनहाउस रिसर्च टीम की सदस्‍य पूजा त्रिपाठी ने बताया कि इस नई टैक्‍स व्‍यवस्‍था को कारोबारियों और ग्राहकों को राहत प्रदान करने के लिए लाया गया था.

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पूजा ने बताया कि इस व्‍यवस्‍था के आने से जटिल टैक्‍स संरचना को हटा दिया गया था. यह अर्थव्‍यवस्‍था के लिए बड़ा गेम चेंजर बना. इसके आने से देश में 1 देश, 1 टैक्‍स, 1 मार्केट लागू हुआ.

टैक्‍स भुगतान को लेकर पारदर्शिता बढ़ी है. साथ ही राज्‍य और केंद्र सरकार के बीच अच्‍छा तालमेल बन गया है. टैक्‍स और लॉजिस्टिक्‍स लागत में कमी आई. 

कितनी हुई वसूली

पूजा ने बताया कि बीते 5 माह के ट्रेंड में पाया गया है कि यह 1 लाख करोड़ रुपए के आसपास चल रहा है.

ज्‍वाइंडर कैपिटल के अविनाश गोरक्षर ने कहा कि कई ऐसे प्रोडक्‍ट हैं, जो 28 फीसदी के दायरे में आते हैं. इनमें खासकर ऑटो सेक्‍टर शामिल है. ऑटो सेक्‍टर पर अभी 28 फीसदी GST लग रहा है. सरकार इसे घटा सकता है.

अविनाश ने बताया कि 80 प्रोडक्‍ट्स अगर 18 फीसदी GST की रेंज में आते हैं तो इससे क्‍या ग्राहकों को काफी लाभ होगा और सरकार का कर राजस्‍व भी बढ़ेगा.