जीएसटी काउंसिल ने मंत्रियों के समूह का गठन किया है, जो केरल में पुनर्वास के लिए सेस लगाने के प्रस्ताव पर विचार करेगा. केरल में बाढ़ से भीषण तबाही हुई थी और उसके मद्देनजर राज्य सरकार केंद्र सरकार से विशेष पैकेज की मांग कर रही थी, ताकि राज्य में पुनर्वास का काम पूरा किया जा सके. इस पर जीएसटी काउंसिल में चर्चा हुई और ये विचार बना कि सेस लगाकर इसके लिए पैसा जुटाया जा सकता है. केरल सेस के प्रस्ताव को किस तरह लागू किया जाए, इस पर विचार करने के लिए मंत्रियों के समूह का गठन किया गया है.

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जीएसटी काउंसिल की नई दिल्ली में हुई बैठक को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया. बाद में फैसलों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि सात मंत्रियों का समूह केरल पुनर्निर्माण के लिए डिजास्टर सेस समेत अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रहा है. जीओएम कुछ हफ्तों में अपनी एक रिपोर्ट पेश करेगा. कुछ राज्यों के वित्त मंत्रियों ने आपदा सेस लगाने का विरोध भी किया.

उन्होंने बताया कि बैठक में पेट्रोल और डीजल की कीमतों को जीएसटी में लाने पर कोई विचार नहीं किया गया. इसके चलते फिलहाल पेट्रोल और डीजल की कीमतों में किसी कमी की उम्मीद कर रहे उपभोक्ताओं को झटका लगा है.

जीएसटी काउंसिल की बैठक में राजस्व में कमी पर भी चिंता जताई गई. बैठक के बाद जेटली ने बताया कि नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में टैक्स कलेक्शन अनुमान से कहीं बेहतर रहा है. इसके बावजूद जीएसटी संग्रह के रुझानों पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि राज्यों को मिलने वाले राजस्व में औसतन कमी 2017-18 में 16 प्रतिशत थी, जो अब घटकर 13 प्रतिशत हो गई है. इस कमी की भरपाई केंद्र द्वारा उन्हें की जाती है. जेटली ने बताया कि छह राज्य का राजस्व तो लक्ष्य से अधिक है.