रिसर्च व रेटिंग कंपनी केयर रेटिंग्स का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष 2019-20 में वस्तु एवं सेवा कर संग्रह 12.60 लाख करोड़ से लेकर 13.40 लाख करोड़ तक हो सकता है और औसत मासिक संग्रह 1.05-1.12 लाख करोड़ रह सकता है. रेटिंग कंपनी ने अप्रत्यक्ष कर के आंकड़ों के अपने विश्लेषण में कहा कि जीएसटी संग्रह अप्रैल में सबसे ज्यादा हुआ है. रेटिंग एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, "सरकार चालू वित्त वर्ष में अपने राजकोषीय लक्ष्य को बनाए रखने के लिए जीएसटी संग्रह में निरंतरता बनाने के प्रयास जारी रखेगी.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अप्रैल में जीएसटी संग्रह पिछले सामल की समान अवधि से 10.5 फीसदी बढ़कर 1,13,865 करोड़ रुपये हो गया, जोकि अब तक की सबसे ज्यादा संग्रह की गई रकम है. जीएसटी 1 जुलाई 2017 में लागू हुई थी. वित्त वर्ष 2018-19 में औसत मासिक जीएसटी संग्रह 98,114 करोड़ रुपये रहा जोकि वित्त वर्ष 2017-18 के औसत संग्रह से 9.2 फीसदी अधिक है. 

माल एवं सेवाकर (जीएसटी) संग्रह चालू वित्त वर्ष के आखिरी महीने मार्च में बढ़कर 1.06 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया. देश में जीएसटी व्यवस्था लागू होने के बाद यह अब तक की सबसे अधिक वसूली है. इससे पहले, फरवरी महीने में 97,247 करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह हुआ था. जीएसटी अनुपालन में सुधार के साथ रिटर्न की संख्या बढ़ने से जीएसटी संग्रह में तेजी आई है. 

(रॉयटर्स)

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है " मार्च 2019 में कुल 1,06,577 करोड़ रुपये का जीएसटी राजस्व प्राप्त हुआ. इसमें केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) संग्रह 20,353 करोड़ रुपए, राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) 27,520 करोड़ रुपए और एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) 50,418 करोड़ रुपए तथा उपकर 8,286 करोड़ रुपए रहा है. " बयान के मुताबिक, 31 मार्च 2019 तक संक्षिप्त बिक्री रिटर्न या जीएसटीआर-3 बी भरने वालों की संख्या 75.95 लाख रही.