Onion Price: प्याज की महंगाई को कम करने के लिए सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं. इसका असर भी देखने को मिला है. प्याज का भाव गिरकर 60 रुपये किलो तक पहुंच गया है. इस बीच सरकार ने किसानों और ग्राहकों दोनों के हित में फैसला लिया है. उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा है कि सरकार प्याज की खरीद जारी रखेगी. देशभर की सभी मंडियों में प्याज की खरीद होगी. दाम के नीचे आने तक सरकार का दखल जारी रहेगा. बता दें कि सरकार ने प्याज की खुदरा बिक्री कीमत 80 रुपये प्रति किलोग्राम को पार करने और मंडियों में कीमतें 60 रुपये प्रति किलोग्राम के आसपास रहने के बाद पिछले हफ्ते अगले साल मार्च तक प्याज के निर्यात (Onion Export) पर प्रतिबंध लगा दिया था. 

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उपभोक्ता मामले सचिव ने कहा कि प्याज के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध 31 मार्च तक जारी रहेगा. उन्होंने कहा, अगर एक्सपोर्ट जारी रहता तो घरेलू बाजार में उपलब्धता कम हो जाती. जिससे प्याज का भाव कम होने में समय लगता.

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सरकार के फैसले से प्याज उत्पादक किसान नाराज

सरकार ने हाल ही में प्याज के निर्यात पर अगले साल 31 मार्च तक के लिए रोक लगा दी है. सरकार ने यह कदम प्याज की घरेलू कीमतों को काबू में रखने और उपलब्धता बढ़ाने के मकसद से उठाया है. लेकिन प्याज उत्पादक किसान इस फैसले से खुश नहीं हैं और देश के कई हिस्सों में इसका विरोध कर रहे हैं. महाराष्ट्र के नासिक जिले में भी प्याज उत्पादक किसान इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

जनवरी तक 40 रुपये के नीचे आएगा प्याज का भाव

उपभोक्ता मामलों के सचिव ने कहा, सरकार को उम्मीद है कि जनवरी तक प्याज की कीमतें मौजूदा औसत कीमत 57.02 रुपये प्रति किलोग्राम से घटकर 40 रुपये प्रति किलोग्राम से नीचे आ जाएंगी. उन्होंने कहा कि निर्यात प्रतिबंध से किसानों पर कोई असर नहीं पड़ेगा और यह व्यापारियों का एक छोटा समूह है जो भारतीय तथा बांग्लादेश के बाजारों में कीमतों के बीच अंतर का फायदा उठा रहा है. 

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कितनी हुई प्याज की खरीद

सरकार ने अभी तक 5,10123 मीट्रिक टन प्याज की खरीद की है. पहले फेज में 3,,01,212 मीट्रिक टन, दूसरे फेज में 2,05,713 मीट्रिक टन और तीसरे फेज में 3,198 मीट्रिक टन प्याज की खरीदारी हुई. प्याज की खरीद महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में की गई. उपभोक्ता मामलों के सचिव ने कहा, राज्यों को 2,73,680 मीट्रिक टन प्याज का निपटान की गई है.