देश में रोड ट्रांसपोर्ट (Road Transport) पर बड़ी तेजी से काम हो रहा है. सड़कें चौड़ी हो रही हैं, हाईवे बन रहे हैं और टोल टैक्स (Toll Tax) सिस्टम को आसान बनाया जा रहा है. सरकार एक ऐसा सिस्टम तैयार करने जा रही है जिससे आपको देश के अलग-अलग टोल नाकों (toll plaza) पर अलग-अलग टैग दिखाने या कैश देने की जरूरत नहीं होगी. 'वन नेशन वन राशन कार्ड' के बाद अब सरकार जल्द ही 'वन नेशन वन टैग' (One Nation One Tag) को भी लागू करने की तैयारी में है. 'वन नेशन वन टैग' यानी एक ही डिजिटल टैग (Digital Tag) के सहारे आप देश के किसी भी नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे से लेकर म्युनिसिपल रोड टैक्स भी अदा कर सकते हैं. 

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फिलहाल फ़ास्ट टैग या आरएफआईडी (RFID) के जरिये देश के नेशनल हाईवे (National Highway) और स्टेट हाईवे (State Highway) पर टोल अदा किया जाता है. कई राज्यों में म्युनिसिपल टैक्स (municipal tax) या राज्य में प्रवेश करने पर टोल टैक्स (Toll Tax) फ़ास्ट टैग (FASTag) से अलग अन्य डिजिटल तकनीक से भरना होता है. ऐसे में सरकार एक ही गाड़ी पर अलग अलग टैग (Tag) चिपकाने के बजाए सिर्फ एक टैग को ही सभी टोल देने के सिस्टम पर विचार कर रही है. 

'वन नेशन वन टैग' के कांसेप्ट को लागू करने और इससे जुड़ी सभी बारीकियों पर बात करने के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय 10 अक्टूबर को कई महकमों के अधिकारियों के साथ अहम बैठक करने जा रहा है.

सूत्रों की मानें तो सरकार, टैग के जरिये टोल कलेक्शन में कमाई का अधिकांश हिस्सा राज्यों के देने के पक्ष में है जिससे राज्य सहमत भी हो और एक देश एक टैग के कांसेप्ट को सफल बनाया जा सके.

 

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सरकार टोल कलेक्शन में पारदर्शिता और स्पीड लाने के मकसद से फ़ास्ट टैग या RFID के जरिये डिजिटल टोल कलेक्शन को बढ़ावा देना चाहती है. आंकड़ो के मुताबिक, अभी तक 60 लाख फ़ास्ट टैग निजी वाहनों, कमर्शियल गाड़ियों जैसे टैक्सी, बस, ट्रक वगैरह पर लग चुके हैं. इस फास्टैग से 17 राज्यों की सड़कों के लिए टोल का भुगतान किया जा सकता है.