नई दिल्ली: सरकार ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के तीन बैंकों बैंक आफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक का विलय किया जाएगा. सरकार ने इन बैंकों के विलय की घोषणा कर दी है. इनके विलय से देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक अस्तित्व में आएगा. सरकार ने ऋण एवं आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये यह कदम उठाया है. 

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पिछले साल सरकार ने देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक में उसके पांच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का विलय किया था. इसके बाद स्टेट बैंक दुनिया के शीर्ष 50 बैंकों में शामिल हो गया. 

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसकी घोषणा करते हुए कहा विलय-एकीकरण हमेशा ही सरकार के एजेंडा का हिस्सा रहा है और पिछले साल सहयोगी बैंकों का विलय इसी दिशा में उठाया गया कदम रहा है. उन्होंने कहा कि ‘वैकल्पिक प्रणाली’ के जरिए लिए गए तीन बैंकों को मिलाने के इस फैसले से एक बड़ा बैंक अस्तित्व में आयेगा जो कि मजबूत होगा और वहनीय होगा. 

देश में तीन बैंकों का आपस में विलय का यह अपनी तरह का पहला मामला होगा. इन तीनों बैंकों का कुल 14.82 लाख करोड़ रुपये का कारोबार है. इनके विलय से देश में भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक के बाद यह तीसरा बड़ा बैंक अस्तित्व में आएगा. इन तीनों बैंकों के विलय के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या घटकर 19 रह जायेगी. 

जेटली ने कहा कि इस एकीकरण से एक मजबूत वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बैंक बनेगा. इससे अर्थव्यवस्था की गति बढ़ाने में मदद मिलेगी. 

वित्तीय सेवाओं के सचिव राजीव कुमार ने कहा कि तीनों बैंकों के एकीकरण से बनने वाला बैंक वित्तीय तौर पर मजबूत होगा. इस एकीकृत इकाई की गैर-निष्पादित राशि (एनपीए) 5.71 प्रतिशत होगी जबकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एनपीए औसत 12.13 प्रतिशत है.