Government Borrowing: वित्तवर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट में अनुमानित 14.13 लाख करोड़ रुपये के सकल बाजार उधार में से सरकार ने दिनांकित प्रतिभूतियों के जरिए पहली छमाही (H1) अप्रैल-सितंबर में 7.50 लाख करोड़ रुपये (53.08 प्रतिशत) उधार लेने का फैसला किया है. वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी बुधवार दी.

ग्रीन बॉन्ड से आएंगे 12,000 करोड़

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इस राशि में से 12,000 करोड़ रुपये सॉवरेन ग्रीन बांड (SGrB) जारी करके जुटाए जाने का प्रस्ताव है. बाजार की प्रतिक्रिया के आधार पर और वैश्विक बाजार प्रथाओं के अनुरूप 15-वर्षीय अवधि की एक नई दिनांकित सुरक्षा शुरू करने का भी निर्णय लिया गया है. वित्त मंत्रालय ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के परामर्श से उधार कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया गया है.

26 वीकली नीलामी से पूरा होगा टारगेट

7.50 लाख करोड़ रुपये की सकल बाजार उधारी 26 साप्ताहिक नीलामियों के जरिए पूरी की जाएगी. बाजार उधार 3, 5, 7, 10, 15, 30, 40 और 50 साल की प्रतिभूतियों के रूप में होगा.

विभिन्न परिपक्वताओं के तहत उधार का हिस्सा (एसजीआरबी सहित) होगा : 3-वर्ष (4.80 प्रतिशत), 5 वर्ष (9.60 प्रतिशत), 7 वर्ष (8.80 प्रतिशत), 10 वर्ष (25.60 प्रतिशत), 15 वर्ष (13.87 प्रतिशत), 30 वर्ष (8.93 प्रतिशत), 40 वर्ष (19.47 प्रतिशत) और 50 वर्ष (8.93 प्रतिशत).

सरकार रेडेम्‍प्‍शन प्रोफाइल को सुचारु बनाने के लिए प्रतिभूतियों में बदलाव करना जारी रखेगी.

ग्रीनशू का होगा विकल्प

सरकार नीलामी अधिसूचनाओं में दर्शायी गई प्रत्येक प्रतिभूतियों के विरुद्ध 2,000 करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त सदस्यता बनाए रखने के लिए ग्रीनशू विकल्प का उपयोग करने का अधिकार सुरक्षित रखेगी.

कहां से आएंगे कितने पैसे

वित्तवर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में ट्रेजरी बिल जारी करने के जरिए से साप्ताहिक उधारी पहली सात नीलामियों के लिए 27,000 करोड़ रुपये और बाद की छह नीलामियों के लिए 22,000 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है, जिसमें शुद्ध उधारी (-) 3,000 करोड़ रुपये है. पहले सात नीलामियों में 91 डीटीबी के तहत 12,000 करोड़ रुपये, 182 डीटीबी के तहत 7,000 करोड़ रुपये और 364 डीटीबी के तहत 8,000 करोड़ रुपये का साप्ताहिक निर्गम होगा और 91 डीटीबी के तहत 10,000 करोड़ रुपये का साप्ताहिक निर्गम, 182 डीटीबी के तहत 5,000 करोड़ रुपये और तिमाही के दौरान आयोजित होने वाली छह नीलामियों में 364 डीटीबी के तहत 7,000 करोड़ रुपये होंगे.

सरकारी खातों में अस्थायी विसंगतियों का ध्यान रखने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्तवर्ष 2024-25 की पहली छमाही के लिए वेज एंड मीन एडवांस (डब्ल्यूएमए) की सीमा 1.50 लाख करोड़ रुपये तय की है.