Global Economy: हाल ही में डब्ल्यूईएफ ने एक सर्वे रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में ये कहा गया है कि आने वाले समय में ग्लोबल इकोनॉमी में गिरावट देखने को मिल सकती है. सर्वे के मुताबिक, 10 फीसदी अर्थशास्त्रियों का ये मानना है कि राजनैतिक और आर्थिक अस्थिरता के कारण ये गिरावट देखने को मिलेगी. हालांकि 90 फीसदी ये मानते हैं कि साउथ एशिया और इंडिया में स्ट्रॉन्ग ग्रोथ देखने को मिल सकती है. डब्ल्यूईएफ यानी कि वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की रिपोर्ट में ग्लोबल इकोनॉमी को लेकर और क्या कहा गया है, इस आर्टिकल में पढ़ सकते हैं. 

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क्या कहता है WEF Survey?

डब्ल्यूईएफ ने हाल ही में एक सर्वे रिपोर्ट को पेश किया है. इस रिपोर्ट का नाम है Chief Economist Outlook. इस रिपोर्ट में ग्लोबल इकोनॉमी के साथ-साथ भारतीय अर्थ्वयवस्था को लेकर टिप्पणी की गई है. रिपोर्ट में ये कहा गया है कि देश में रियल एस्टेट बाजार में महंगाई कम होने और बाजार के नरम रुख के संकेतों से चीन के लिए संभावनाएं कम हो गई हैं. दुनिया में राजनीतिक और वित्तीय तौर पर अभी अस्थिरता देखी जा रही है.

सर्वे में ये है जानकारों का मत

10 में से लगभग छह का मानना है कि ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक और यूनाइटेड नेशन्स सस्टेनेबल डेवलेपमेंट गोल्स (एसडीजी) को पूरा करने की दिशा में प्रगति को कमजोर करेगा. जबकि 74 प्रतिशत का कहना है कि भू-राजनीतिक तनाव का भी यही असर रहेगा. 

भारत में विकास की उम्मीद 

डब्ल्यूईएफ की मैनेजिंग डायरेक्टर का कहना है कि इकोनॉमिस्ट के ओपिनियन ग्लोबल इकोनॉमी में लगातार कमजोरी की ओर इशारा करती है. वहीं डब्ल्यूईएफ के मुताबिक 90 % से अधिक लोगों को इस साल दक्षिण एशिया खासकर भारत में मध्यम या मजबूत वृद्धि की उम्मीद देखी जा रही है.  

क्या रहे ग्रोथ के आंकड़े

क्षेत्र में मजबूत वृद्धि की उम्मीद करने वालों की हिस्सेदारी पिछले सर्वे में 36 प्रतिशत थी, जो अब बढ़कर 52 प्रतिशत हो गई. अमेरिका में मई के बाद से स्थिति मजबूत हुई है और 10 में से आठ उत्तरदाताओं को अब 2023 और 2024 दोनों में मध्यम या मजबूत वृद्धि की उम्मीद है.

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