देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ऊंची रही है, लेकिन आगे चलकर इसमें कमी आने का अंदेशा है. वैश्विक वित्तीय सेवा क्षेत्र की कंपनी क्रेडिट सुइस ने कहा कि रुपये की कमजोरी तथा कच्चे तेल के बढ़ते दाम दो प्रमुख कारक हैं, जो जीडीपी के रास्ते की अड़चन बन सकते हैं. क्रेडिट सुइस की रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि दर उत्साहजनक है, लेकिन इसकी मुख्य वजह पिछले साल का आधार प्रभाव है.

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आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-जून की तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर दो साल के उच्चस्तर 8.2 प्रतिशत पर पहुंच गई. क्रेडिट सुइस के शोध नोट में कहा गया है कि पीएमआई में कमी से हमारे इस विचार की पुष्टि होती है कि पहली तिमाही में वृद्धि दर उच्चस्तर पर पहुंची, लेकिन आगे चलकर इसमें कमी आएगी. इसने आगे कहा कि मानसून की कमी अब छह प्रतिशत हो गई है और खरीफ बुवाई क्षेत्र सालाना आधार पर स्थिर है. क्रेडिट सुइस के अनुसार रुपये की कमजोरी तथा कच्चे तेल के बढ़ते दाम दो प्रमुख कारक हैं जो अर्थव्यवस्था की वृद्धि की राह में अड़चन बन सकते हैं.

इनपुट भाषा से