CNG-PNG Price Formula: देश में अब गैस प्राइसिंग के नए फॉर्मूले को लागू कर दिया गया है. इस नए फॉर्मूले के तहत ही CNG और PNG की कीमतों को तय किया जाएगा. अब भारत में अमेरिका और रूस वाला फॉर्मूला लागू होगा. गैस प्राइसिंग के नए फॉर्मूले को लेकर पहले ही कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है, जिसके बाद कई गैस सप्लायर कंपनियों ने CNG-PNG के दाम को घटा दिया है. कैबिनेट से किरीट पारिख कमिटी की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है. नए फॉर्मूले के तहत सीलिंग (कैपपिंग) और फ्लोर प्राइस की सिफारिशो को वैसा ही रखा गया है, जैसे पहला था. इसमें फ्लोर प्राइस 4 डॉलर प्रति mmbtu और कैपपिंग  6.5/mmbtu तय किया गया है. ऐसा बताया जा रहा है कि ये कीमतें हर महीने बदलेंगी और क्रूड के हिसाब से मैच होंगी. 

किरीट पारिख कमिटी की सिफारिशें

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बता दें किरीट पारिख कमिटी ने कई तरह की सिफारिशें कैबिनेट के सामने रखी थीं, इसमें सबसे अहम सीलिंग और फ्लोर प्राइस को लेकर थी, जिसे कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है. नए प्राइसिंग के नए फॉर्मूले के मुताबिक, एडमिनिस्‍टर्ड प्राइसिंग मैकेनिज्‍म (APM) गैस प्राइस को इंडिया क्रूड बॉस्‍केट के 10 फीसदी से लिंक कर दिया गया है. बता दें कि फिलहाल ये कीमतें 8-30 अप्रैल के लिए तय की गई हैं. 

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इसके अलावा गुजरात गैस के कुल गैस में से 25 से 30 फीसदी APM गैस का हिस्सा है. इसके अलावा सरकार को इस बात की चिंता थी कि पेट्रोल और CNG की कीमतों में अंतर बहुत कम हो गया था. पेट्रोल और सीएनजी की कीमतों में अंतर 16-17 फीसदी हो गया था, जो अब बढञाकर 25 फीसदी तक हो गया है. 

सस्ता गैस कंज्यूमर को मिले- सरकार 

सरकार ने कुछ दिन पहले कंपनियों से कहा था कि कंज्यूमर को सबसे सस्ता गैस मिलना चाहिए. ऐसे में CNG और PNG के दाम घटाकर कंज्यूमर को डायरेक्ट बेनेफिट दिया जा रहा है. गैस का इस्तेमाल जितना ज्यादा होगा, धीरे-धीरे क्रूड को इम्पोर्ट करने पर निर्भरता कम होगी. अनिल सिंघवी ने इस फैसले को गेम चेंजर बताया है.