गूगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुंदर पिचाई ने केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद को पत्र लिखकर सूचनाओं के एक देश से दूसरे देश में मुक्त प्रवाह की वकालत की. पिचाई ने कहा कि इससे वैश्विक कंपनियों को भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था में योगदान के लिए प्रोत्साहन मिलेगा तथा वैश्विक प्रसार के मौके देख रहे भारतीय स्टार्टअप को लाभ होगा.

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पिचाई ने पांच सितंबर को लिखे पत्र में कहा कि गूगल वास्तविक डिजिटल-इंडिया तैयार करने के सपने में अपने आप को भी शामिल करती है और कंपनी भारत की वृद्धि का हिस्सा बनने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने पिछले महीने गूगल के माउंटेन व्यू परिसर का दौरा करने के लिए प्रसाद को धन्यवाद दिया.

उन्होंने कहा, 'उपयोक्ताओं की गोपनीयता एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सीमा पार सूचनाओं के मुक्त प्रसार से स्टार्टअप को नवाचार के लिए तथा वैश्विक कंपनियों को भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था में योगदान देने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा.'

उन्होंने कहा कि कंपनी की भारतीय टीम बैठक के दौरान हुई चर्चा के कुछ विशिष्ट विषयों के संबंध में प्रसाद के कार्यालय के संपर्क में रहेगी. गूगल ने इस बारे में ई-मेल से पूछे गये सवालों का जवाब नहीं दिया है. गूगल ने यह बात ऐसे समय की है जबकि भारत देश में डाटा सुरक्षा का एक काननू बनाने में लगा है और सरकार को गत जुलाई में सेवानिवृत्त न्यायाधीश बीएन कृष्णा के नेतृत्व वाली एक उच्चस्तरीय समित से इस विधेयक का एक मसौदा और उसकी सिफारिशें मिल चुकी हैं.

समिति ने लोगों की व्यक्तिगत व संवेदनशील सूचनाओं की परिभाषा, सुरक्षा और भंडारण के प्रावधान, डाटा प्रसंस्करण करने वालों के दायित्वों और व्यक्तियों के अधिकार तथा कानून के उल्लंघनों पर दंड के प्रावधान आदि के संबंध में सिफारिशें की हैं. सरकार ने इस पर लोगों से 30 सितंबर तक राय मांगी है.

(एजेंसी इनपुट के साथ)