केंद्र की मोदी सरकार (Modi Governmmnet) की सुधार नीतियों के चलते विदेशी निवेशकों का रुझान भारत की तरफ लगातार बढ़ रहा है. यह वजह है कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (Ease of Doing Business) रेंकिंग भी भारत का रुतबा तेजी से आगे बढ़ रहा है. कारोबार की सुगमता के चलते दिसंबर महीने में ही विदेशी निवेशकों ( foreign portfolio investors) ने भारत में 2600 करोड़ रुपये निवेश किए हैं.

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अमेरिकी फेडरल रिजर्व के मौद्रिक नीति को नरम रखने और वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों द्वारा पूंजी डाले जाने की उम्मीद में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने घरेलू बाजार में 2,613 करोड़ रुपये निवेश किये. एफपीआई ने शेयर बाजारों में 6,301.96 करोड़ रुपये शुद्ध निवेश किये जबकि बांड बाजार से 3,688.94 करोड़ रुपये निकाले. इस प्रकार, दो दिसंबर से 27 दिसंबर के बीच शुद्ध रूप से 2,613.02 करोड़ रुपये निवेश किये गये.

आर्थिक मोर्चे पर चुनौतियों और नीतिगत बाधाओं के बावजूद एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजारों में भरोसा जताया है. कंपनियों के तिमाही वित्तीय परिणाम में सुधार, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नरम मौद्रिक नीति और वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों द्वारा पूंजी डाले जाने की उम्मीद में भारतीय शेयर बाजारों में तेजी के भरोसे के कारण एफपीआई घरेलू बाजार में निवेश कर रहे हैं.

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जनवरी, जुलाई और अगस्त को छोड़कर एफपीआई 2019 के शेष महीनों में शुद्ध लिवाल रहे हैं. इस साल उन्होंने शुद्ध रूप से शेयर और बांड बाजार में 73,276.63 करोड़ रुपये निवेश किये.