Fitch on Indian Banks: रेटिंग एजेंसी फिच ने भारतीय बैंकों पर बुलिश राय दी है. Fitch ने कहा कि बैंकों की स्थिति महंगाई और ब्याज दरें बढ़ने के बावजूद मजबूत है. बुरे फंसे लोन यानी NPA का आंकड़ा 10 साल में सबसे कम है. जबकि बीते दिन ही रेटिंग एजेंसी ने दर्जनों अमेरिकी बैंकों को डाउनग्रेड की चेतावनी दी थी. 

भारतीय बैंकों पर बढ़ा Fitch का भरोसा

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Fitch ने मार्च 2020 में 'OE' मिड प्वाइंट स्कोर bb+ से घटाकर bb कर दिया था. इस समय भारत पर फिच की रेटिंग BBB- है और आउटलुक स्टेबल है. रेटिंग एजेंसी ने FY23 से FY25 तक औसत GDP ग्रोथ 6.4% रहने का अनुमान दिया है.

भारतीय बैंकों पर फिच बुलिश

Fitch ने कहा कि भारत में प्री-कोविड स्तर के मुकाबले ऑपरेटिंग माहौल सुधरा है. भारतीय बैंकों के पास स्ट्रेस को झेलने के लिए फंड का बफर है. खास बात यह है कि महंगाई और ब्याज दरें बढ़ने के बावजूद स्थिति बेहतर है. इसके अलावा बिजनेस और आर्थिक हालात बेहतर हैं. साथ ही कंज्यूमर सेंटिमेंट भी अच्छा है. रिपोर्ट के मुताबिक बेहतर कैपिटल बफर के चलते टियर-1 कैपिटल सुधरा है.

बैंकों के नतीजों में भी सुधार की उम्मीद

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि FY18 के 10.4% के मुकाबले टियर-1 कैपिटल FY23 में बढ़कर 13.4% होने का अनुमान है. क्योंकि भारत का प्राइवेट क्रेडिट टू GDP रेश्यो अन्य देशों से बेहतर है. यह BBB रेटिंग देशों के मुकालबे बेहतर है. भारत का प्राइवेट क्रेडिट टू GDP रेश्यो 57% है, जबकि अन्य देशों का 50% है. आगे भारतीय बैंकों के नतीजों में भी सुधार की उम्मीद है.

बैंकों को कहां से मिल रहा सपोर्ट

GST के बढ़ते आंकड़े, डिजिटल ग्रोथ से SME सेक्टर को फायदा समेत अन्य फैक्टर्स बैंकों के लिए अच्छा साबित हो रहा है. इसके अलावा RBI के कदमों से बैंकों का स्ट्रेस घटेगा और गवर्नेंस सुधरेगा. साथ ही क्रेडिट ग्रोथ जारी रहेगी. लेकिन इसमें FY23 से कुछ गिरावट देखने को मिल सकती है.

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