वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण गुरुवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों के साथ बैठक करेंगी और उनके वित्तीय प्रदर्शन की समीक्षा करेंगी. यह वित्त वर्ष 2022-23 के वित्तीय परिणाम आने के बाद पहली समीक्षा बैठक है. पिछले वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का लाभ रिकॉर्ड 1.04 लाख करोड़ रुपये रहा. कुल लाभ में देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई (SBI) की हिस्सेदारी लगभग आधी रही.

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सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को वित्त वर्ष 2017-18 में 85,390 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था. वहीं वर्ष 2022-23 में उनका लाभ 1,04,649 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.

इन योजनाओं का लिया जाएगा जायजा

सूत्रों के अनुसार वित्तीय प्रदर्शन के अलावा बैठक में अलग-अलग सरकारी योजनाओं के लिये निर्धारित लक्ष्यों की दिशा में हुई प्रगति का भी जायजा लिया जाएगा. इन योजनाओं में किसान क्रेडिट कार्ड (KCC), स्टैंड-अप इंडिया (Standup India, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PM Mudra Yojana) और कोविड-19 महामारी से प्रभावित उद्यमों की मदद के लिये शुरू इमरजेंसी क्रेडिट गारंटी योजना (ECLGS) शामिल हैं. 

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बैंकों की पहली तिमाही के प्रदर्शन

बैंकों के प्रमुख वित्त मंत्री को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के प्रदर्शन से भी अवगत कराएंगे. सूत्रों के मुताबिक, सीतारमण बैंकों से उत्पादक क्षेत्रों को लोन समेत बजट में चिन्हित क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कह सकती हैं. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री अगले वित्त वर्ष के लिये बैंकों की , एसेट क्वालिटी और पूंजी जुटाने और कारोबार बढ़ाने की योजना की भी समीक्षा करेंगी। इसके अलावा, नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) और उसकी वसूली की स्थिति की भी समीक्षा की जाएगी.

हाल में जारी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट के अनुसार बैंकों का ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स यानी फंसा कर्ज इस साल मार्च में घटकर 10 साल के निचले स्तर 3.9 प्रतिशत पर आ गया.

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