हाउसिंग सेक्टर (Housing Sector) में बूस्ट लाने के लिए मोदी सरकार (Modi Government) ने बड़ा ऐलान किया है. वित्त मंत्री ((Finance Minister)) ने हाउसिंग सेक्टर के लिए 25,000 करोड़ के फंड का ऐलान किया है. इस फंड से अधूरे पड़े प्रोजेक्ट्स को पूरा किया जाएगा, ताकि जिन लोगों ने अपने घर बुक किए हैं उन्हें घर मिल जाए. इसके लिए  Alternative investment fund के गठन को मंजूरी दी है. जिसके तहत हाउसिंग कंपनियों को शुरूआत में 10,000 करोड़ की राशि मुहैया कराई जाएगी.

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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को किफायती और मध्यम आय वाले हाउसिंग सेक्टर में रुके हुए प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए आर्थिक मदद मुहैया करने के लिए एक 'विशेष विंडो' (Special Window) बनाने को मंजूरी दे दी है.  'विशेष विंडो' के तहत 25,000 करोड़ रुपये का एक Alternative investment fund (वैकल्पिक निवेश कोष) तैयार किया जाएगा. इसमें सरकार का योगदान 10,000 करोड़ रुपये का होगा, शेष 15,000 करोड़ रुपये अन्य जरियों से इकट्ठा किए जाएंगे. 

वित्त मंत्री ने बताया कि डेवलपर्स को रुकी हुई योजनाओं को पूरा करने के लिए इसी स्पेशल विंडो से धन मुहैया कराया जाएगा. इस योजना में भारतीय स्टेट बैंक (SBI), भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC), सॉवरेन फंड (sovereign) और पेंशन फंड (pension funds) भी धन इकट्ठा करने में अपना सहयोग देंगे.

वित्त मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत सरकार हाउसिंग कंपनियों को अपने प्रोजेक्ट्स पूरा करने के लिए पैसा मुहैया कराएगी. सरकार इस मामले में प्रायोजक (Sponsor) के रूप में काम करेगी और 10,000 करोड़ रुपये तक के धन का उपयोग करेगी. 

 

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वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बताया कि इस फंड का इस्तेमाल किफायती घरों (Affordable House) और मध्यम आय वर्ग के प्रोजेक्ट्स (Middle Income Housing sector) को पूरा करने के लिए किया जाएगा. उन्होंने बताया कि कर्ज में डूबी हाउसिंग कंपनियों को राहत पहुंचाने के लिए विशेष खिड़की (Special Window) योजना शुरू की जाएगी.

वित्त मंत्री (Finance Minister) ने कहा कि रेरा (RERA) में रजिस्टर्ड अधूरे प्रोजेक्ट्स हैं, उन प्रोजक्ट्स को पूरा करने के लिए फंड मुहैया कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि फिलहाल देशभर में 4.58 लाख यूनिट अधूरी पड़ी हुई हैं. इस फंड से करीब 1,600 अधूरे पड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को पूरा करने में मदद मिलेगी.

- 1600 से ज्यादा हाउसिंग प्रोजेक्ट अधूरे पड़े हैं. 

- करीब 4.58 लाख यूनिट (घर) अधर में अटके हुए हैं. 

- हाउसिंग सेक्टर की मदद के लिए स्पेशल विंडो का गठन. 

- 25,000 करोड़ रुपये का वैकल्पिक निवेश कोष (AIF) तैयार होगा.

- AIF में सरकार का योगदान 10,000 करोड़ रुपये का होगा.

- 15,000 करोड़ SBI, LIC, सॉवरेन और पेंशन फंड से इकट्ठा होगा.

- फंड का इस्तेमाल किफायती घरों और मध्यम आय वर्ग के प्रोजेक्ट्स को पूरा करने में होगा.

- रेरा में रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट्स के लिए धन मुहैया कराया जाएगा.

- अलग-अलग स्टेज के तहत पैसा मुहैया कराया जाएगा.

- NPA प्रोजेक्ट्स को भी इस योजना में राहत दी जाएगी.

- मुंबई में 2 करोड़ रुपये तक के घरों को पूरा करने में मदद.

- NCR, चेन्नई, पुणे में 1.25 करोड़ की लागत वाले घरों को मदद.

- देश के अन्य भागों में 1 करोड़ वाले घरों को पूरा करने में मदद.