बजट 2019 : एक्सपोर्ट सेक्टर को राहत दे सकती है मोदी सरकार, एक्पोर्ट डेवलपमेंट फंड बनाने की मांग
FIEO को उम्मीद है कि सरकार एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए प्रमोशन और आरएंडडी के लिए अतिरिक्त फंड उपलब्ध करा सकती है. इसके अलावा छोटे एक्सपोर्टर की मदद करने के मकसद से एक्पोर्ट डेवलपमेंट फंड की भी घोषणा की जा सकती है.
1 फरवरी को केंद्र की मोदी सरकार इस कार्यकाल का अपना अंतिम बजट पेश करने जा रही है. बजट को लेकर हर क्षेत्र को बड़ी उम्मीदें हैं. खासकर एक्सपोर्ट सेक्टर को सरकार से बड़ी राहत की उम्मीद है. एक्सपोर्ट सेक्टर का मानना है कि वित्त मंत्री निर्यात को बढ़ावा देने और खासकर सूक्ष्म तथा लघु उद्योग (एमएसएमई) को मदद देने के मकसद से कुछ घोषणाएं कर सकते हैं.
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन ने केंद्र सरकार से एक्पोर्ट को बढ़ावा देने की मांग की है. ऑर्गनाइजेशन के अध्यक्ष गणेश कुमार गुप्ता ने कहा है कि पिछले 2-3 महीने के आंकड़ों के मुताबिक, एक्पोर्ट सेक्टर की रफ्तार बहुत सुस्त हुई है. यह स्थिति ठीक नहीं है. उन्होंने बताया कि बीते नवंबर में देश के निर्यात सेक्टर में महज 0.8 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिली, जबकि दिसंबर में यह 0.34 फीसदी पर पहुंच गई.
गणेश कुमार गुप्ता ने कहा, मुझे उम्मीद है कि अंतरिम बजट में सरकार एक्सपोर्ट सेक्टर को कुछ राहत जरूर देगी, विशेष रूप से एमएसएमई क्षेत्र के लिए. सरकार का यह कदम बड़े उत्पाद समूहों, अनुसंधान और विकास को बूस्ट करने में मदद करेगा जो निर्यात बढ़ाने और नौकरी के नए अवसर पैदा करते हैं.
FIEO को उम्मीद है कि सरकार एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए प्रमोशन और आरएंडडी के लिए अतिरिक्त फंड उपलब्ध करा सकती है. इसके अलावा छोटे एक्सपोर्टर की मदद करने के मकसद से एक्पोर्ट डेवलपमेंट फंड की भी घोषणा की जा सकती है. ऑर्गनाइजेशन ने सरकार से 5-6 हजार करोड़ का एक्पोर्ट डवलपमेंट फंड बनाने की मांग की है. इस फंड के इस्तेमाल से कंपनियां दुनियाभर में अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग कर सकती हैं.
इसके अलावा FIEO ने कोल्ड चेन और वेयरहाउसेस के लिए भी फंड बढ़ाने की मांग की है. संगठन ने लघु एवं सूक्ष्म उद्योग को मैन्युफैक्चरिंग पर इंसेंटिव देने की भी सिफारिश की है.
FIEO ने एक्सपोर्ट सेक्टर के विकास और नौकरियां पैदा करने वाले सेक्टर के लिए इंसेंटिव देने की भी सिफारिश की है. ये भी सिफारिश की है कि हर सेक्टर में जितनी नई नौकरियां पैदा होंगी उस आधार पर टैक्स में छूट दी जाए. इससे एक ओर जहां मैन्युफैक्चरिंग में बढ़ोतरी होगी साथ ही, नई नौकरियां पैदा करने का भी प्रोत्साहन मिलेगा.