दिल्ली के किसान (Delhi Farmers) अपने खेतों से डबल कमाई कर सकते हैं. यहां के किसान खेतों से फसल के साथ-साथ बिजली पैदा करके इनकम में इजाफा कर सकते हैं. किसान अपने खेतों में थोड़ी उंचाई पर सोलर पैनल (power panel) लगवा कर कंपनी से किराया हासिल कर सकते हैं. इससे किसानों को प्रति एकड़ लगभग एक लाख रुपये का किराया मिल सकता है. और इसके साथ वे खेती भी कर सकते हैं. 

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने राजधानी में सोलर पावर प्रोजेक्ट को बढ़ावा देने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि चार साल पहले तक दिल्ली में महज 7 किलोवॉट सोलर एनर्जी पैदा की जा रही थी, जो इस समय बढ़कर 177 मेगावॉट हो गई है. 

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में सोलर एनर्जी (Solar Energy) के लिए एक तरह से दिल्ली में पॉलिसी फ्रेमवर्क तैयार किया है. सोलर पावर के लिए दिल्ली सरकार दो पॉलिसी लेकर आई. पहली पॉलिसी थी कि जिससे सोलर पावर जेनरेशन आम नागरिक तक पहुंच सके. कहा जाता था कि सोलर पावर काफी महंगा है और एक आम आदमी सोलर पावर कैसे खरीदेगा.

घर की छत पर बिजली

इसके बाद दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने इसके लिए एक पॉलिसी बनाई. पॉलिसी के तहत अगर आप अपने घर की सिर्फ छत दे दें, तो आपके पास एक कंपनी आएगी और वह अपना पैसा लगाकर सोलर पावर पैनल लगाएगी. उस कंपनी को सोलर पावर पैनल लगाने के लिए दिल्ली सरकार सब्सिडी देगी, ताकि उसका शुरूआती खर्चा कम हो जाए.

खेतो में में बिजली

दूसरी पॉलिसी खासकर किसानों के लिए है. किसान अगर अपने खेत के ऊपर थोड़ी सी उंचाई पर सोलर पैनल लगाने की इजाजत दे दें, तो उनके सारे खेत के ऊपर सोलर पैनल लग जाएंगे. उस किसान को सोलर पैनल लगाने वाली कंपनी जगह देने के बदले में किराया देगी और साथ में किसान अपनी जमीन के ऊपर खेती भी कर सकता है. वह सोलर पावर कंपनी से करीब 1 लाख रुपये प्रति एकड़ उसी जमीन से कमाने लगेगा.

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बता दें कि डीएमआरसी (Delhi Metro Rail Corporation) ने दिल्ली में 20 मेगावॉट से अधिक सौर प्रोजेक्ट तैयार किए हैं. इससे डीएमआरसी को रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर पॉवर प्रोजेक्ट (कुल क्षमता 750 मेगावॉट) से लगभग 50 मेगावॉट बिजली भी मिल रही है.