Consumer Affairs: उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा के लिए कंज्यूमर अफेयर्स मंत्रालय जल्द नियम जारी करेगा. बुधवार को CCPA आयुक्त की अध्यक्षता में एक बैठक हुई. इस बैठक में बीआईएस मानक और फर्जी रिव्यू पर रोक लगाने के लिए सरकार गंभीर है. बैठक में कंपनियों को 7 दिन का समय दिया गया है. BIS की गाइडलाइंस सभी कंपनियों को हार्ड कॉपी, सॉफ्ट कॉपी दी गई है. BIS के बनाए नियमों पर कंपनियां अपने मौजूदा नियम और जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने पर रूपरेखा स्पष्ट करेंगी.

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सरकार का कहना है कि कंपनियां अपने स्तर पर कई तरह के नियम बना चुकी हैं और कानूनी तौर पर भी कई अधिकार हैं उनके पास हैं. ऐसे में ग्राहकों के लिए BIS मानक नियमन के आधार पर उसको अपग्रेड करने की जरूरत है.  कंपनियां नहीं मानी तो अनिवार्य किया जा सकता है.

फर्जी रिव्यू पर सरकार सख्त

फर्जी रिव्यू पर रोक लगाने के लिए सरकार गंभीर है. सरकार पैसे देकर पॉजिटिव रिव्यू और फाइव स्टार रेटिंग पर जुर्माना लगाएगी. दूसरी कंपनियों के लिए निगेटिव रिव्यू  कराने पर भी होगी कार्रवाई. जानबूझकर ऐसा करने पर 10 से 50 लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा. CCPA स्वतः संज्ञान लेकर क्लास एक्शन भी ले सकता है.

दरअसल फ़र्जी रिव्यू लिखना, लिखवाना बड़ी समस्या है, कंपनियां अपनी सुरक्षा के लिए कई उपाय कर रही हैं लेकिन ग्राहक के लिए कोई तरीका नहीं है इससे प्रभावित हो कर धोखा खाने के बाद. इसलिए ये नए नियम मानना होगा अनिवार्य और होगा कड़ा एक्शन.

जिसमें होटल, रेस्तरां, ई कॉमर्स, रिटेल, टूर और ट्रैवल, सिनेमा बुकिंग और जिनके भी App etc हैं जहां रिव्यू हो सकता है, क्षेत्र की कंपनियों को शामिल किया गया है.

राइट टू रिपेयर पर बैठक

अगले हफ्ते फिर राइट टू रिपेयर और कॉमन चार्जर पर बैठक होगी. चार्जर के लिए कई सॉल्यूशंस पर कल की बैठक में बात हुई. 2 Way USB भी विकल्प हो सकता है.