2019 साल के दिसंबर के GST कलेक्शन के आंकड़े आ चुके हैं. दिसंबर में 1,03,184 करोड़ रुपये का कलेशन हुआ है. ये अर्थव्यव्स्था के बाउंस बैक यानि फिर से अच्छे दिन की बहाली का संकेत दे रहा है. सेंट्रल GST 19,926 करोड़ रुपये रहा, स्टेट GST 26,792 करोड़ रुपये रहा , इंटर स्टेट GST 48,099 करोड़ रुपये रहा. जबकि 81.21 लाख लोगों ने नवंबर से दिसंबर तक जीएसटी रिटर्न का फार्म 3बी भरा.

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GST का ये कलेक्शन पिछले साल दिसंबर के मुकाबले 16% बढ़ा है. पिछले साल दिसंबर में 94,729 करोड़ रुपये मिले थे. इस बार गुजरे दिसंबर में ज्यादातर राज्यों ने जीएसटी कलेक्शन बढ़ाने में अच्छा योगदान दिया. दिसंबर महीने के आंकड़ों का विश्लेषण करें तो रकम के हिसाब से कर्नाटकसे सबसे ज्यादा जीएसटी आ रहा है 6886 करोड़ रुपये , दूसरे नंबर पर गुजरात है जहां 6621 करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्ट हुआ है.

तीसरे पर तमिलनाडु है, जहां से 6422 करोड़ रुपये का कलेक्शन हो रहा है. इसके बाद उत्तर प्रदेश का नंबर है जहां से 5489 करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन हो रहा है, पांचवें पर हरियाणा का नंबर है जहां से 5365 करोड़ रुपये का जीएसटी मिल रहा है.

अगर सबसे कम रकम वाले राज्य देखें तो लक्ष्यदीप से 1 करोड़ रुपये का जीएसटी दिसंबर माह में कलेक्ट हुआ, मिजोरम से 21 करोड़,अंडमान निकोबार से 30 करोड़,नागालैंड से 31 करोड़ रुपये मणिपुर से 44 करोड़ रुपये का जीएसटी आ रहा है और त्रिपुरा से 59 करोड़ रुपये आ रहा है.

लेकन अगर एक ही महीने यानि दिसंबर में 2019 और 2018 के आंकड़े प्रतिशत में देखें तो सबसे ज्यादा कलेक्शन का पसेंटेज 124% अरुणाचल प्रदेश का है, 88% ग्रोथ नगालैंड से जीएसटी कलेक्शन में है और मणिपुर से 64% जीएसटी ज्यादा मिला है. वहीं लक्ष्यदीप माइनस ग्रोथ में है यानि -78%, झारखंड इस बार ग्रोथ के हिसाब से माइनस में है यहां -3% कलेक्शन हुआ.

वहीं जम्मू कश्मीर की बात करें तो इस बार के दिसंबर में 409 करोड़ रुपये का जीएसटी आया जोकि पिछली बार से 40% ज्यादा है. वहीं CBIC (सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज़ एंड कस्टम्स) के मुताबिक 1.12 करोड़ रुपये का इंटरस्टेट जीएसटी रीफंड 83,500 एक्सपोरर्स को दिया जा चुका है. बहुत थोड़े रीफंड ही पेंडिंग है उनके जो कि रिस्की की सीरीज में है.

जीएसटी के जानकार और प्रैक्टिशनर अभिषेक रुस्तगी कहते हैं कि ''1 लाख करोड़ का आंकड़ा एक ही महीने में पार करना बहुत बड़ी बात है इससे ये पता लगता है कि कई दिनों की सुस्ती खत्म हो रही है, रीफंड भी दिये जा रहे हैं ये अच्छी बात है, दिसंबर महीने में ऑटोमोबाइल सेक्टर में काफी बिक्री होती है इसका असर इस पर दिखाई दे रहा है. अर्थव्यवस्था में डिमांड वापस लौट रही है और आने वाले मार्च तक अर्थव्यवस्था अच्छी होने के सारे संकेत फिर से उछाल की तरफ होंगे.''